नई दिल्ली: केरल हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए ‘तुलसी के पौधे’ (तुलसीथारा) का अपमान करने वाले आरोपी अब्दुल हकीम के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति पी. वी. कुन्हिकृष्णन की एकल पीठ ने यह टिप्पणी एक ऐसे मामले की सुनवाई के दौरान की, जिसमें श्रीराज आर. ए. नामक एक व्यक्ति पर हिंदू धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला वीडियो अपलोड करने का आरोप है।
दरअसल, 32 वर्षीय श्रीराज ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला था, जिसमें अब्दुल हकीम नामक व्यक्ति कथित तौर पर ‘थुलसीथारा’ का अपमान करता हुआ दिखाई दे रहा था। वीडियो में अब्दुल हकीम को अपने गुप्तांग के बाल तोड़कर तुलसी के पौधे पर डालते हुए दिखाया गया था। इस मामले में गुरुवायूर (जिला त्रिशूर) के मंदिर पुलिस थाने में श्रीराज के खिलाफ धार्मिक समुदायों के बीच वैमनस्यता फैलाने और सार्वजनिक उपद्रव के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। हाईकोर्ट ने श्रीराज को जमानत तो दे दी, लेकिन पुलिस द्वारा मुख्य आरोपी अब्दुल हकीम के खिलाफ कोई कार्रवाई न किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की।
कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि ‘तुलसीथारा’ हिंदू धर्म में एक पवित्र स्थान है। वीडियो में अब्दुल हकीम का कृत्य निश्चित रूप से हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। अदालत ने हैरानी जताई कि अब्दुल हकीम के खिलाफ अब तक कोई मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया, जबकि जानकारी मिली है कि वह गुरुवायूर मंदिर परिसर में एक होटल का मालिक है।
पुलिस ने अदालत को बताया कि अब्दुल हकीम के खिलाफ इसलिए कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि वह मानसिक रूप से बीमार है। हालांकि, न्यायमूर्ति पीवी कुन्हीकृष्णन ने इस दावे पर संदेह जताया, क्योंकि अदालत को यह भी सूचित किया गया कि हकीम गुरुवायूर में एक होटल चलाता है और उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी है।
अदालत ने कहा, “तथ्यों से यह स्पष्ट नहीं है कि वह मानसिक रोगी है या नहीं। यदि वह मानसिक रोगी है, तो उसे होटल का लाइसेंस कैसे मिला? जांच अधिकारी को इस बात की भी जांच करनी चाहिए कि यदि वह मानसिक रोगी है तो उसे वाहन चलाने की अनुमति कैसे दी गई।” न्यायाधीश ने जोर देकर कहा कि पुलिस को अब्दुल हकीम के खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करनी चाहिए।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, जहां तक हिंदू धर्म का सवाल है, ‘तुलसीथारा’ एक पवित्र स्थान है। वीडियो में अब्दुल हकीम ने जिस प्रकार से अपने गुप्तांग से बाल निकालकर उसे ‘तुलसीथारा’ में डाला, वह निश्चित रूप से हिंदू धर्म की भावनाओं का उल्लंघन है। ऐसा प्रतीत होता है कि अब्दुल हकीम के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है। मेरी राय है कि पुलिस को कानून के अनुसार अब्दुल हकीम के खिलाफ उचित कार्रवाई करनी चाहिए। तथ्यों से यह स्पष्ट नहीं है कि वह मानसिक रोगी है या नहीं।
क्या होता है तुलसीथारा
‘तुलसीथारा’ एक मलयालम शब्द है, जिसका अर्थ है पारंपरिक हिंदू घरों में पाया जाने वाला एक छोटा मंच या वेदी। यह आमतौर पर पत्थर या सीमेंट से बना होता है और इसके ऊपर पवित्र तुलसी का पौधा लगाया जाता है। यह मंच अक्सर घर के सामने आंगन में स्थित होता है। हिंदू संस्कृति में तुलसी के पौधे को अत्यंत पवित्र माना जाता है और इसे देवी लक्ष्मी का प्रतीक या अवतार माना जाता है। तुलसीथारा का निर्माण और उसमें तुलसी का पौधा लगाना घर में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए शुभ माना जाता है।
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High Court reprimanded the police and ordered them to take action