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पंजाब में झूठे केस दर्ज करवाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 4 के खिलाफ FIR दर्ज; दो गिरफ्तार

संगरूर: पंजाब के संगरूर में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो अपने आप को घायल कर के लोगों पर झूठे केस दर्ज करवाता था। पुलिस ने सरकारी अस्पताल के एक कर्मचारी और एक डाक्टर के प्राइवेट सहायक के अलावा दो के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसमें से दो को संगरूर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जबकि दो लोग भी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।

एसएसपी स्वप्न शर्मा ने यहाँ जानकारी देते हुये बताया कि इस मामले में चार व्यक्तियों के विरुद्ध केस दर्ज किया गया है, जिनमें से दो सिविल अस्पताल के कर्मचारियों समेत एक डाक्टर के निजी सहायक को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। यह गिरोह गाँवों में हुए लड़ाई-झगड़ों के दौरान हुयी थोड़ी-बहुत चोटों को जाली तौर पर बड़ी डाक्टरी चोटें दिखा कर पुलिस को गुमराह करने में शामिल था। ऐसे मामलों में उक्त दोषियों की भूमिका की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस ग़ैर-कानूनी गतिविधि में शामिल दो अन्य व्यक्तियों को पकडऩे की कोशिश जारी है।

एसएसपी ने कहा कि यह कार्यवाही उक्त घटनाओं के लिए जि़म्मेदार कारणों की जांच करके छोटे अपराधों के मामलों से निपटने और इनको रोकने के लिए किये सख्त यत्नों का नतीजा है। उन्होंने कहा कि उनकी जिले में तैनाती के बाद पिछले 5 सालों के दौरान हुए ऐसे मामलों पर ध्यान केन्द्रित करने और ध्यान से छानबीन करने के बाद ही इन मामलों के कारण सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि ऐसा एक मामला गाँव कनौर जट्टा के सरपंच के पुत्र शिकायतकर्ता जगसीर सिंह जग्गा के साथ जुड़े ऐसे एक मामले की जांच करते हुए सामने आया है, जिसमें यह पता लगा है कि सिविल अस्पताल के लैब -असिस्टेंट रजिन्दर ने जोकि एक डाक्टर के निजी सहायक के तौर पर काम करते और गाँव कनोई के रहने वाले अकाशदीप से अपनी उंगली पर अतिरिक्त जाली चोट दिखाने के लिए प्रेरित किया था।

जग्गे ने अपने गाँव के पाँच और व्यक्तियों मनदीप, दविन्दर, अमृतपाल, भुपिन्दर और सुखदीप के खि़लाफ़ केस दर्ज करवाया था, जिन पर पुलिस ने आइपीसी की धारा 323, 324, 341, 506, 148 और 149 के अंतर्गत मामला दर्ज किया था। इसके बाद अगले पड़ाव में आइपीसी की धारा 326 को भी शामिल किया गया था। लड़ाई के दौरान सिर्फ़ जग्गे की उंगली पर चोट लगी थी, जबकि झगड़े में साथ आए उसके पिता को कोई भी चोट नहीं लगी थी। अकाशदीप ने जानबूझ कर जग्गे की उंगली पर एक ओर काट दिया जिससे पुलिस को यह कह कर गुमराह किया जा सके कि यह चोट दोषियों की तरफ से किये हमले के दौरान लगी थी।

लैब- सहायक रजिन्दर (26) और अकाशदीप (23), जगसीर जग्गा और एक और व्यक्ति गुरतेज सिंह निवासी कनौर जट्टा के खि़लाफ़ आइपीसी की धारा 182, 193, 194, 211 और 120-बी के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। एसएसपी ने आगे बताया कि ऐसे 44 और मामले सामने आए हैं, जिनमें झगड़े के दौरान शिकायतकर्ता के हाथ पर जाली कट मारा गया जिससे आइपीसी की धारा 326 का पर्चा किया जा सके। उन्होंने कहा कि इनमें से 16 केस वह थे जिनमें हमलावर ने केवल छोटी उंगली पर कट मारा था। 

 Gang who registered false cases in Punjab busted, FIR registered against 4; two arrested