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पंजाब में किसानों ने कई जगह रोकी ट्रेनें, दिल्ली से लेकर उत्तर भारत तक कई जगह दिखा प्रभाव

चंडीगढ़ः केद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि बिलों के विरोध में पंजाब की किसान यूनियनों ने अनेक स्थानों पर ट्रैकोंं पर धरना रेल यातायात अवरूद्ध किया जिससे यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। आज यहां प्राप्त जानकारी के अनुसार किसानों का रेल रोको शांतिपूर्वक रहा। कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। बड़ी संख्या में किसानों ने दिल्ली-बठिंडा ट्रैक पर बैठकर कृषि कानूनों का विरोध जताया। किसानों ने दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक अंबाला ,चंडीगढ के बीच रेलवे ट्रैक जाम रखा।

पंजाब में अमृतसर, पठानकोट, जालंधर,मोगा ,लुधियाना ,पटियाला सहित कई स्थानों पर ट्रैकों पर धरने प्रदर्शन कर कृषि कानून, बिजली संशोधन बिल और पराली अध्यादेश रद्द करने की केन्द्र से मांग दोहराई। इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई। किसानों के आंदोलन के मद्देनजर रेलवे ने ऐहतियाती तौर पर ट्रेनों का संचालन बंद रखा जिसके कारण पंजाब में रेल का आवागमन नहीं हुआ, किसान ट्रैक पर जमे रहे और नारेबाजी करते हुए अपना विरोध जताते रहे।

फिरोजपुर मंडल के रेल प्रबंधक राजेश अग्रवाल ने बताया कि फिरोजपुर मंडल में विभिन्न किसान संगठनों के रेल रोको आन्दोलन के मद्देनजर सतर्कता बरती जा रही है। लगभग पचास स्थानों पर धरना प्रदर्शन हो रहे हैं। डाउन डायरेक्शन में फिरोजपुर मंडल के फगवाड़ा स्टेशन पर मालवा एक्सप्रेस तथा जालंधर कैंट स्टेशन पर सुपर एक्सप्रेस को रोका गया है और इसी तरीके अप डायरेक्शन में जम्मू से आने वाली मालवा एक्सप्रेस को पठानकोट कैंट स्टेशन पर तथा लुधियाना रेलवे स्टेशन पर पश्चिम एक्सप्रेस को रोका गया है । पठानकोट कैंट से निकल चुकी वंदे भारत को बाड़ी ब्राह्मण, सर्वोदय को कठुआ तथा संबलपुर जम्मू को विजयपुर में रोका गया है । इसी तरीके जो गाड़ियां दोपहर 12 बजे से सायं 4 बजे के बीच शुरू होनी थी उनको उनके मूल स्टेशन पर ही बैक कर दिया गया है जिसमें कि धनबाद एक्सप्रेस फिरोजपुर कैंट से, शहीद एक्सप्रेस अमृतसर से और बेगमपुरा जम्मू तवी रेलवे स्टेशन से ही रेगुलेट किया गया है।

मंडल रेल प्रबंधक ने बताया कि जैसे ही धरना प्रदर्शन की कार्रवाई समाप्त होती है वैसे ही सुरक्षा संबंधित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इन गाड़ियों को यथा शीघ्र चला दिया जाएगा | इस धरना प्रदर्शन के कारण किसी भी गाड़ी को रद्द नहीं किया गया है और न ही वर्तमान रूट की अपेक्षा परिवर्तित मार्ग से चलाया गया है । इन ट्रेनों को सिर्फ विलंब के कारण देरी से चलाया जाएगा या उनको ऐसे स्थानों पर खड़ा कर दिया गया है जिससे कि यात्रियों को ज्यादा असुविधा का सामना न करना पड़े एवं उनको मूलभूत चाय पानी की सुविधा मिल सकें ।

किसान संगठनों के ‘रेल रोको‘ आंदोलन के कारण लुधियाना व फिरोजपुर से आने वाली ट्रेनों में से कोई गाड़ी मोगा नहीं आ सकी। मोगा जिले में बीकेयू एकता उग्राहा समेत विभिन्न किसान संगठनों से जुड़े किसानों ने अजितवाल ,दगडू और मोगा ट्रैकों पर धरना दिया।