चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा की सीमा पर पिछले नौ महीने से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आंदोलन को और तेज करने का फैसला किया है। किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने दिल्ली कूच का ऐलान किया है। किसान नेताओं ने कहा है कि केंद्र सरकार ने पहले किसानों की मांगों को स्वीकार किया था, लेकिन अभी तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। केंद्र सरकार के वादे खोखले हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार भी किसानों को आवश्यक खाद उपलब्ध कराने में नाकाम रही है।
किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर चल रहे मोर्चे में आमरण अनशन पर बैठेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि अगर 10 दिनों के भीतर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो वे छह दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे।
किसानों की प्रमुख मांगों में एक तो केंद्र सरकार द्वारा किसानों की मांगों को पूरा किया जाए। दूसरा राज्य सरकार किसानों को आवश्यक डीएपी उपलब्ध कराए। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि किसानों की मांगें जायज हैं और सरकार को इन पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान न होने से देश की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
अगले कुछ दिनों में किसान आंदोलन में और तेज होने की संभावना है। किसान नेताओं ने कहा है कि वे अपनी मांगों पर अड़े रहेंगे और सरकार को मजबूर करेंगे कि वह उनकी मांगों को पूरा करे।
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Farmer organizations took a big decision, announced to march to Delhi on 6 December