जालंधर: इतिहास केसरी के नाम से प्रसिद्ध स्वर्गीय महंत वेद पराशर की याद में इतिहास केसरी स्व. वेद पराशर यादगारी सभा, उनके बेटे हर्ष पराशर व परिवार द्वारा दूसरे जागरण का आयोजन उनके निवास स्थान वैस्ट गुरुनानक पुरा में आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रसिद्ध लेखक रमेश शोंकी को इतिहास केसरी स्व. वेद पराशर यादगारी अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया है। वभिन्न गायकों ने महामाई के जागरण में भेंटे गा कर इतिहास केसरी स्व. महंत वेद पराशर को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर स्व. महंत वेद पराशर के सभी शिष्यों ने मिलकर मां भगवती का जागरण किया और सारी रात मां की भेंटें गा कर उपस्थिती को मां के नाम का रसपान करवाया। सर्वप्रथम महंत दविदंर कपूर ने मां गुरु वंदना गणेश वंदना व मां के नाम का मंगलाचार गा कर जागरण का आगाज किया। इसके बाद गायक दीप सहदेव ने शक्तिपीठों की स्थापना के कारण को दर्शाती मुख्य भेंट मंदिर तेरा सोने दा वीच झूले झंडा गा कर मां नाम का झंडा़ स्थापित किया व महंत वेद पराशर द्वारा लिखी भेंट जैकारे गुंजदे गाकर संगत को निहाल किया। तदोपरांत महंत आशा रानी ने भगवान शंकर के भजन मेरे भोले बाबा को अनाड़ी मत समझो गा कर संगत को झूमने पर विवश कर दिया।
इस मौके पहले इतिहास केसरी स्व. वेद पराशर यादगारी अवार्ड से सम्मानित होने पर प्रसिद्ध भजन लेखक व साहित्यकार रमेश शोंकी ने कहा कि उनकी महंत वेद पराशर के साथ काफी दिली सांझ थी और वह अक्सर एक दूसरे से मिलकर ज्ञान का आदान-प्रदान किया करते थे। उन्होने महंत वेद पराशर को समर्पित कविता भी सुनाई जिसमें उन्होने बताया कि महंत वेद पराशर जैसा दूसरा कोई नहीं हो सकता जो कहीं भी चंद पलों में ही भेंट लिख देते थे और किसी भी स्टेज पर लोग उन्हें सुनने के लिए उत्सुक रहते थे। उन्होने परिवार व इतिहास केसरी स्व. वेद पराशर यादगारी सभा विशेष तौर पर गायक दीप सहदेव व महंत दविंदर कपूर का धन्यवाद किया।
इस अवसर पर महंत यश पराशर, महंत राजिंन्दर नदान, लुधियाना से विशेष तौर पर पंहुते महंत वेद पराशर के शिष्य संजीव शर्मा राजू, महंत महेश कुमार शर्मा, महंत गौरव धमिजा, रकेश कुमार, एडवोकेट नवतेज सिंह मिन्हास, चांद कुमार सैनी, मनीश शर्मा, नीटू आर्या, विकास चौहान, संजीव कुमार, कृिष सहित दर्जनो श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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Famous writer Ramesh Shonki was honored with the first History Kesari Late. Ved Parashar Yadgari Award