नई दिल्ली: चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल को डिजाइन करने का फर्जी दावा करने वाले एक शख्स को गुजरात की सूरत पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह खुद को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का वैज्ञानिक बताता था। उसने चंद्रयान की लैंडिंग के बाद मीडिया को इंटरव्यू भी दिया था और फर्जी दावा किया था। इसके बाद ही बवाल खड़ा हो गया। इस शख्स का नाम मितुल त्रिवेदी बताया गया है जिसकी उम्र 30 साल है। पुलिस के मुताबिक अपनी कोचिंग क्लास में छात्रों को आकर्षित करने के लिए वह झूठे दावे कर रहा था। मितुल ने स्थानीय मीडिया को इंटरव्यू देकर फर्जी दावा किया था और इसीके बाद उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
जानकारी के मुताबिक आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), 465 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 471 (जाली दस्तावेज का उपयोग करना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस का कहना है कि अपनी निजी कोचिंग क्लास में बच्चों को बुलाने के लिए वह इस तरह के दावे करता था और खुद को इसरो का कर्मचारी बता देता था। उसके झूठे दावों की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ जांच शुरू की थी।
मितुल त्रिवेदी ने दावा किया था कि वह चंद्रयान-2 प्रोजेक्ट का भी हिस्सा था। इसके बाद चंद्रयान- 3 के लिए भी उसे इसरो ने बुलाया। उसने लैंडर के मूल डिजाइन में कई परिवर्तन किए जिसकी वजह से लैंडर मॉड्यूल सफलता से चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कर पाया। कई समाचार चैनलों में भी मितुल का इंटरव्यू चल रहा था। हालांकि मितुल कोई भी ऐसा दस्तावेज पेश नहीं कर पाया जो कि इसरो से जुड़ा रहा हो। मितुल ने बाद में कहा कि वह फ्रीलांसर वैज्ञानिक हैं और बीकॉम डिग्री धारक हैं।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि मितुल खुद को नासा के साथ जुड़े होने का भी दावा करता है। हालांकि इसका कोई भी सबूत नहीं मिला है। सारे दावे फर्जी पाए जाने के बाद मितुल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
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Fake scientist arrested for claiming to have designed Chandrayaan-3, posing as ISRO employee to invite children to coaching classes