चंडीगढ़: चंडीगढ़ और पंजाब समेत कुल 22 जगहों पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी चल रही है। यह छापेमारी कई आईएएस अधिकारियों, प्रॉपर्टी डीलरों और कई किसानों समेत 15 ठिकानों पर बताई जा रही है। सूत्रों से पता चला है कि यह पूछताछ मोहाली में हुए अमरूद बागान घोटाले को लेकर की जा रही है। अभी तक इसकी जांच पंजाब विजिलेंस कर रही थी। यह छापेमारी इस मामले से जुड़े लोगों के ठिकानों पर ही की जा रही है।
मामला ग्रेटर मोहाली डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा एयरपोर्ट रोड पर एयरोट्रोपोलिस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण से जुड़ा है। गमाडा द्वारा अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत दिया गया था। उस जमीन में लगे अमरूद के पेड़ों की कीमत जमीन से अलग दी जाती थी।
फलदार पौधों की कीमत उद्यान विभाग द्वारा तय की जाती है। इसके बाद भूमि अधिग्रहण कलेक्टर ने फलदार वृक्षों वाली भूमि की सर्वेक्षण सूची डायरेक्ट हॉर्टिकल्चर को भेजी और वृक्ष मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार की।
जमीन अधिग्रहण से पहले कुछ लोगों ने यहां अमरूद के पौधे लगाए थे, लेकिन गमाडा अधिकारियों की मदद से उनकी उम्र 4 से 5 साल बताई जा रही है, जिससे उनका मुआवजा काफी बढ़ गया है। इस तरह कई लोगों ने गलत तरीके से मुआवजा ले लिया। इस संबंध में विजिलेंस ने आरोपी को गिरफ्तार भी किया था। लेकिन मुआवजे की रकम वापस जमा करने पर कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी।
ED raids in Punjab and Chandigarh raids on premises of IAS officers property dealers and farmers