Congress government in Punjab shameless
चंडीगढ़- हाल ही में पंजाब में बिजली की दरों में बढ़ौतरी कर आम जनता पर अतिरिक्त बोझ डालने व पंजाब में डीज़ल व पैट्रोल पर वैट भी पड़ोसी राज्यों से अधिक वसूलते हुए राज्य पर कर्ज का बोझ होने का तर्क दिया जा रहा है। लेकिन राज्य की कैप्टन अमरेंद्र सिंह सरकार खुद इस कहे जा रहे बोझ के बावजूद फिज़ूलखर्ची करने जा रही है। जी हां बिलकुल ठीक पंजाब में बेशक फंड की कमी का सामना सरकार को करना पड़ रहा है लेकिन मुख्यमंत्री, मंत्रियों और वरिष्ठ नौकरशाहों के लिए लग्जरी गाडिय़ों की खरीद पर पैसा बरबाद करने की तैयारी की जा रही है। पंजाब के परिवहन विभाग ने 16 लैंड क्रूजर गाडिय़ों की खरीद को हरी झंडी दिखाई है जिनमें से दो बुलेटप्रूफ हैं। मुख्यमंत्री के स्टाफ के लिए भी 13 महिंद्रा स्कॉर्पियो वाहन खरीदने की योजना है। इसके अलावा मुख्यमंत्री के ओएसडीओं के लिए 14 मारुति डिजायर या होंडा अमेज या मारुति अर्टिगा खरीदने का प्रस्ताव है।
दिलचस्प है कि मुख्यमंत्री के पास पहले से लग्जरी वाहनों का बेड़ा है जिनमें 6 मित्सुबिशी मोंटेरो और अंबेसडर कार हैं। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपने 17 कैबिनेट सहयोगियों के लिए भी टोएटा फॉर्चूनर वाहन खरीदने की मंजूरी दी है। राज्य सरकार विधायकों के लिए भी 97 टोएटा क्रेस्टा वाहन खरीदेगी। हालाकि पंजाब सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और अकाली दल बादल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के लिए नई बुलेटप्रूफ टोएटा लैंड क्रूजऱ खरीदे जाने को अनुमति नहीं दी है। इसके लिए फंड की कमी का हवाला दिया गया है। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल का कहना है कि बादल पिता-पुत्र को जो बुलेटप्रूफ वाहन पहले से उपलब्ध हैं, वो अच्छी हालत में हैं और उन्हें बदले जाने की आवश्यकता नहीं है।
बता दें कि नए वाहन खरीदने से राज्य सरकार के खजाने पर 80 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। पंजाब सरकार पर 1,95,978 करोड़ रुपए के कर्ज का बोझ है। ऐसे में लग्जरी कारों की खरीद पर इतना पैसा खर्चे जाने पर सवाल उठने की पूरी संभावना है। ऐसा नहीं कि लग्जरी कारों की खरीद पर अमरिंदर सरकार में ही पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है। इससे पहले प्रकाश सिंह बादल सरकार के कार्यकाल में भी 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री, तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के लिए 14 टोएटा लैंडक्रूजर, 100 टोएटा इनोवा और मारुति जिप्सी वाहन खरीदे गए थे जिन पर 12 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
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