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चिन्तपूर्णी धाम : मंदिर पर सरकारी कब्जा, चढ़ावे में से यज्ञ के लिए सहयोग मांगा तो किया जलील

Punjab Live News (PLN News)

 

PLNचिंतपूर्णी धाम: देश के लगभग उन सभी हिन्दू मंदिरों पर सरकारी कब्जे हो चुके हैं जहां पर हिन्दू भारी मात्रा में चढ़ावा चढ़ाते हैं। परन्तु उस धन का कहाँ प्रयोग होता है ये आज तक बड़ा सवाल बना हुआ है। अलबत्ता ये तो पिछले दिनों हुआ है की जब एक संस्था का अध्यक्ष एक यज्ञ के लिए मन्दिर प्रबंधन के पास गया तो उसे बैरंग वापिस लौटना पड़ा।
मिली जानकारी के अनुसार हिन्दू एकता, हिन्दू चेतना गैर राजनितिक संघ और योगी ज्ञान नाथ जी के द्वारा माँ मंगला काली मंदिर मे करवाये जा रहे 5 दिवसिय माँ बगलामुखी महायज्ञ व श्री मद्भगवद गीता ज्ञान के भन्डारे के लिए माँ चिन्तापुरणी मंदिर मे अनुदान मांगने के लिए गये हिन्दू एकता हिन्दू चेतना संघ के अध्यक्ष व इस य़ज्ञ के मुख्य सेवादार यति सत्यदेवानन्द सरस्वती जी को मन्दिर के प्रबंधक ने जलील किया व खाली हाथ लोटाया।

इस बारे में यति सत्यदेवानन्द सरस्वती जी ने बताया कि उन्होंने 17-10-2018 को सुबह 10 बजे मदिर अधिकारी कार्यालय पहुंच कर मदिर प्रबंधक के बारॆ मे पूछा परन्तु कोइ आशा जनक उतर नही मिला। फ़िर 1:30 बजे एक आधिकारी ने बताया कि प्रबन्धक लिफ़्ट के पास है तो जब वहाँ जाकर उनसे मिले तो उन्होने कहा कि इसके लिए जिला अधिक्षक की स्वीकृति चाहिय, तब उन्होने मदिर अधिकारी को कहा कि इसके लिए जिला अधिकारी व एस डी एम साहब से स्वीकृति लेकर ही आये हैं। फ़िर मदिर प्रबंधक के कहा कि सारा सामान नही मिलेगा, तो मैने कहा जितना आप दे सकते है उतना ही दे दो, तो उन्होने कहा कि कुछ भी नही मिलेगा।
उसके बाद यति सत्यदेवानन्द सरस्वती जी ने इसकी सुचना जिला कलेक्टर ऊना को दी तो उन्होने कहा कि आप वहीं रुको मेरी बात हो गयी है और वो आपको जो भी सामान वहां पर होगा वो दे देंगे। यति जी ने आगे बताया कि उसके बाद काफ़ी इन्तजार के बाद भी आधिकारी नही मिले तो फ़िर से जिला कलेक्टर को, एस डी एम को और मदिर प्रबंधक को कई बार फोन किया परन्तु किसी ने भी फोन नही सुना। और आखिर हताश हो कर शाम को 5:30 बजे उन्हें खाली हाथ वापिस लौटना पडा।
ये सारी घटना से सवाल खड़ा होता है कि हिन्दू जो चढ़ावा अपने मन्दिरों में चढ़ाते हैं वो आखिर किस काम के लिए चढ़ाते हैं ? अगर उस धन को य़ज्ञ या भन्डारों मे ना दे कर नेताओं या उच्च आधिकारिओ कि आव भगत के लिए खर्च होता है तो कही न कही ये हिन्दू धर्म के साथ छल किया जा रहा है। इस बारे में PLN ने जब कई बार मन्दिर अधिकारियों से फोन पर बात करनी चाही तो किसी ने भी फोन नहीं सुना।
एक सवाल के उत्तर में यति सत्यदेवानन्द सरस्वती जी ने कहा है कि ये हिंदुओं की भावनाओं पर कुठाराघात है अतः वो इसकी शिकायत राज्यपाल के करेंगे और इसके लिए दोषी लोगों पर कडी कार्रवाई करवाएंगे।

 

 

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