लुधियाना: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 15 फरवरी से शुरू हो रही 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षाओं के लिए ड्यूटी पर लगाए गए स्कूलों के प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि ड्यूटी पर तैनात किसी भी स्टाफ की ड्यूटी में न तो कोई बदलाव किया जाएगा और न ही उसे रद्द किया जाएगा।
CBSE के क्षेत्रीय अधिकारी राजेश गुप्ता ने इस संबंध में सभी प्रिंसिपलों को एक पत्र जारी कर दिया है। जानकारी के अनुसार, बोर्ड ने परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और शिक्षकों को विभिन्न परीक्षा केंद्रों में सेंटर सुपरिटेंडेंट, ऑब्जर्वर, फ्लाइंग स्क्वाड, हेड एग्जामिनर आदि के रूप में ड्यूटी पर नियुक्त किया है। हालांकि, ड्यूटी लगने के बाद कई शिक्षकों ने इससे बचने के लिए विभिन्न प्रकार के बहाने बनाने शुरू कर दिए हैं।
बताया गया है कि कई शिक्षकों ने बिना किसी प्रमाणिक दस्तावेज के, व्यक्तिगत कारणों या चिकित्सा कारणों का हवाला देते हुए ड्यूटी बदलने या रद्द करने का अनुरोध किया है। कुछ ने सिफारिशों के माध्यम से भी अपनी ड्यूटी कटवाने या बदलने का प्रयास किया है। लेकिन CBSE ने ऐसे सभी आवेदनों को खारिज करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि जिसकी ड्यूटी जहां लगी है, उसे वहीं करनी होगी। अब न तो ड्यूटी काटी जाएगी और न ही बदली जाएगी।
पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि केवल उचित चिकित्सा कारण या आपातकालीन चिकित्सा आधार पर ही ऐसी स्थिति पर विचार किया जाएगा, लेकिन इसके लिए भी सिविल सर्जन द्वारा प्रमाणित प्रमाण पत्र ही मान्य होगा। यदि कोई स्टाफ ड्यूटी आवंटित होने से पहले किसी वैध कारण से चिकित्सा अवकाश पर है, तो उसे छूट दी जा सकती है, लेकिन इसके लिए भी स्कूल से उसका चिकित्सा रिकॉर्ड देखा जाएगा। बोर्ड अधिकारी ने यह भी कहा है कि यदि ड्यूटी पर तैनात किसी स्टाफ का कोई रिश्तेदार या करीबी उसी परीक्षा केंद्र में परीक्षा दे रहा है, तो उन्हें इसकी सूचना पहले से ही CBSE को देनी होगी।
अधिकारी ने जोर देकर कहा कि परीक्षाओं को लेकर जारी किए गए निर्देशों का हर हाल में पालन करना अनिवार्य है। यदि कहीं भी कोई लापरवाही सामने आती है, तो स्कूल के साथ-साथ उल्लंघन करने वाले शिक्षक पर भी जुर्माना लगाया जाएगा।
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CBSE is strict about board exams