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सहज अस्पताल एवं डी-एडिक्शन सेंटर के संचालक डॉ. अमित बांसल पर पंजाब पुलिस ने कसा शिकंजा, दवाईयों का गलत ढंग से उपयोग करने का आरोप; FIR दर्ज

जालंधर: नशे के खिलाफ जारी पंजाब पुलिस की मुहिम के तहत आज यहां के कस्बा नकोदर स्थित एक नशा छुड़ाओ केंद्र के डाक्टर पर पुलिस ने दवायों को नशे के तौर पर उपयोग करने के आरोप में शिकंजा कसा है।  नकोदर में बाबा मुराद शाह रोड स्थित सहज अस्पताल एवं सहज डी-एडिक्शन सेंटर के संचालक/मालिक डॉ. अमित बांसल के खिलाफ Narcotics drugs and psychotropic substances act 1985 और आईपीसी की धारा 465/467/471 के तहत केस दर्ज किया गया है। 

जानकारी के मुताबिक, डॉ. बांसल पर आरोप है कि वे नशा छुड़ाने के लिए मिलने वाली दवाईयों का उपयोग गलत ढंग से करते आ रहे हैं। सूचना के आधार पर की गई प्राथमिक जांच में ये सामने आया है कि 288000 गोलियां विभाग से ली गई और 287000 का रिकार्ड मिल गया, लेकिन 1000 गोलियों का कोई रिकार्ड नहीं मिला अर्थात वह दवाईयां गायब है।

हालांकि एक अन्य मामले में सहज डी-एडिक्शन सेंटर ने दावा किया कि उन्होंने 144000 नारकोटिक दवाईयां रुसान फार्मा को वापस भेज दी, मगर उसका कोई सबूत नहीं है। मतलब कि उन दवाईयों का भी कोई अता-पता नहीं है। इतना ही नहीं सेंटर के रिकार्ड पर भी कई बार छेडख़ानी की गई है, जो गैर-कानूनी है। इसी के चलते बांसल को नामजद किया गया है। फिलहाल अभी डॉ. बांसल का इस संबंधी कोई बयान नहीं आया है।

Case filed against Dr. Amit Bansal, director of Sahaj Hospital and De-Addiction Center in Nakodar, alleging misuse of medicines