फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में आज एक विवादित घटनाक्रम में 180 साल पुरानी नूरी जामा मस्जिद का एक हिस्सा प्रशासन ने ढहा दिया। यह कार्रवाई नेशनल हाईवे-335 के चौड़ीकरण के लिए की गई है।
मस्जिद कमेटी ने इस कार्रवाई के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई 13 दिसंबर को होनी थी। हालांकि, कोर्ट से कोई रोक नहीं लगने के कारण प्रशासन ने आज सुबह भारी पुलिस बल के साथ मस्जिद के उस हिस्से को ढहा दिया जो हाईवे चौड़ीकरण के रास्ते में आ रहा था।
जिला प्रशासन का कहना है कि केवल मस्जिद का वह हिस्सा गिराया गया है जो अवैध रूप से बनाया गया था और हाईवे के लिए अतिक्रमण था। मस्जिद का मुख्य भवन सुरक्षित है। इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में रोष है। कई लोग इसे धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला कदम बता रहे हैं। वहीं, प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई कानून के अनुसार की गई है और किसी भी धर्म के साथ छेड़छाड़ का इरादा नहीं है।
मस्जिद कमेटी ने इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। कमेटी का आरोप है कि प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के मस्जिद का हिस्सा गिरा दिया है। इस घटना के बाद इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और ड्रोन से इलाके की निगरानी की जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
फतेहपुर जिले के ललौली कस्बे में स्थित नूरी जामा मस्जिद 180 साल पुरानी है। नेशनल हाईवे-335 के चौड़ीकरण के लिए मस्जिद का एक हिस्सा हटाने की जरूरत थी। पीडब्ल्यूडी विभाग ने मस्जिद कमेटी को इस संबंध में नोटिस दिया था। मस्जिद कमेटी ने इस नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि, कोर्ट से कोई रोक नहीं लगने के कारण प्रशासन ने मस्जिद का हिस्सा ढहा दिया।
View this post on Instagram
Bulldozer ran on 180 years old Noori Jama Masjid, action taken despite petition in High Court