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हरियाणा में BJP बहुमत से दूर, सत्ता की चाबी जेजेपी के पास

– दुष्यंत चौटाला बोले- चाबी से खुलेगा विस का ताला, छल्ला कोई भी हो सकता है

चंडीगढ़: हरियाणा में बीजेपी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में गुरुवार को 40 सीटों पर जीत दर्ज की है, मगर पार्टी 90 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के जादुई आंकड़े को छूने में विफल रही। पार्टी ने ‘अबकी बार 75 पार’ का लक्ष्य रखा था। पार्टी प्रमुख सुभाष बराला सहित महज दो मंत्रियों को छोड़कर पार्टी के सभी राज्यमंत्री चुनाव हार गए हैं।

कांग्रेस ने 31 सीटें जीतकर राज्य में दूसरी बड़ी पार्टी बनी, जबकि नवगठित जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने 10 सीटें हासिल की। जजपा को अस्तित्व में आए एक साल भी नहीं हुआ है। यह पार्टी प्रदेश के प्रमुख क्षेत्रीय दल रहे इंडियन नेशनल लोकदल (इनलो) से अलग होकर बनाई गई है। त्रिशंकु विधानसभा को देखते हुए कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नई सरकार बनाने के लिए जजपा समेत भाजपा विरोधी अन्य दलों को कांग्रेस को समर्थन देने की अपील की है।

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इनलो ने जहां 2014 के विधानसभा चुनाव में 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी, वहीं अब पार्टी महज एक सीट पर सिमट गई है। प्रदेश में आठ निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं। मुख्यमंत्री खट्टर ने करनाल सीट और दो बार के मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक जिले के गढ़ी सांपला-किलोई से जीत हासिल की। खट्टर ने कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी तरलोचन सिंह पर 45,188 मतों से जीत दर्ज की।

भाजपा के निवर्तमान मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, ओ.पी. धनखड़, रामबिलास शर्मा, कविता जैन, कृष्णलाल पंवार, मनीष ग्रोवर और कृष्ण कुमार बेदी सभी को करारी हार का सामना करना पड़ा। लेकिन बावल सीट पर भाजपा के उम्मीदवार और लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी मंत्री बनवारी लाल ने जीत दर्ज की। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने अंबाला छावनी से अपनी सीट बरकरार रखी। दो मौजूदा मंत्रियों राव नरबीर सिंह और विपुल गोयल को टिकट नहीं दिया गया था और उनकी जगह नए चेहरों को लाया गया।

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कांग्रेस के मौजूदा विधायक कुलदीप बिश्नोई ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी और भाजपा की ओर से लड़ने वाली टिकटॉक सेलिब्रिटी सोनाली फोगाट को 29,000 वोटों से हराकर आदमपुर की सीट बरकार रखी। जजपा प्रमुख दुष्यंत चौटाला और उनकी मां नैना चौटाला ने क्रमश: उचाना कलां और बड़हरा सीटें जीतीं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला फतेहाबाद जिले में टोहाना विधानसभा सीट से जजपा के देवेंद्र सिंह बबली से 20,000 से अधिक वोटों से हार गए।

भाजपा उम्मीदवार और पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान संदीप सिंह ने पिहोवा में कांग्रेस के मनदीप चट्ठा को हराया। इस निर्वाचन क्षेत्र में यह भाजपा की पहली जीत थी। सोनीपत की बरोदा सीट से भाजपा उम्मीदवार और अंतर्राष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त को हार का सामना करना पड़ा, जबकि दादरी से भाजपा की ओर से लड़ रही पहलवान बबीता फोगाट भी हार गई।

भाजपा के लिए एक और प्रमुख हार उसकी मौजूदा विधायक प्रेमलता (59) के तौर पर झेलनी पड़ी। प्रेमलता पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की पत्नी हैं, जिन्हें जजपा प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने जींद जिले की उचाना कलां सीट से हराया।

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कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला भाजपा के लीलाराम से मात्र 1,246 वोटों से हार गए। कांग्रेस नेता किरण चौधरी ने 12,000 से अधिक मतों के साथ तोशाम सीट पर जीत दर्ज की। जजपा राज्य में ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभाने के लिए तैयार है। दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि उन्होंने पार्टी की रणनीति पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में शुक्रवार सुबह 11 बजे पार्टी कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा का ताला जेजेपी की चाबी से खुलेगा। छल्ला कोई भी हो सकता है। हालांकि सरकार बनाने में किसी का साथ देने पर दुष्यंत चौटाला ने कोई जवाब नहीं दिया।

अब बड़ा सवाल यही है कि सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी के सामने क्या विकल्प बचते हैं। बीजेपी 40 सीटें जीतने के करीब है, ऐसे में उसे सरकार बनाने के लिए सिर्फ छह सीटों की जरूरत है। अब अन्य और इंडियन नैशनल लोकदल के विधायक अगर बीजेपी के साथ आते हैं तो बीजेपी आसानी से सरकार बनाने की स्थिति में आ जाएगी। बीजेपी इनकी बजाय दुष्यंत चौटाला की जेजेपी को साध लेती है तो भी उसकी सरकार बन जाएगी। माना जा रहा है कि अगर बीजेपी 40 के करीब थमती है, तो ज्यादा संभावना इस बात की है कि वह दुष्यंत की बढ़ी हुई महत्वाकांक्षा की बजाय निर्दलीय और अन्य को साधने की कोशिश करे।