चंडीगढ़: पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया एक बार फिर से करोड़ों रुपये के ड्रग्स रैकेट मामले में जांच का सामना करेंगे। विशेष जांच दल (एसआईटी) ने उन्हें दोबारा तलब किया है, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में हुई सुनवाई में उन्हें 17 मार्च को एसआईटी के समक्ष पेश होने का आदेश दिया है। यह आदेश 4 मार्च (मंगलवार) को सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ द्वारा की गई सुनवाई के बाद आया है।
बिक्रमजीत सिंह मजीठिया लंबे समय से ड्रग्स से जुड़े एक गंभीर मामले में फंसे हुए हैं। उन पर ड्रग तस्करी और इससे संबंधित गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त होने के गंभीर आरोप हैं। इस मामले की गहन जांच पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम द्वारा की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के नवीनतम आदेश ने यह सुनिश्चित कर दिया है कि मजीठिया को कानून का पालन करते हुए जांच प्रक्रिया में सहयोग करना होगा और निर्धारित तिथि पर एसआईटी के सामने अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी।
पंजाब में सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने इस संवेदनशील मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम में महत्वपूर्ण बदलाव किए थे। सरकार ने मामले की निष्पक्ष और प्रभावी जांच सुनिश्चित करने के लिए एसआईटी का पुनर्गठन किया। वर्तमान एसआईटी, आईजी गुरशरन सिंह संधू की देखरेख में काम कर रही है। इस नई एसआईटी का नेतृत्व अनुभवी आईपीएस अधिकारी एस. राहुल कर रहे हैं, जो जांच की निष्पक्षता और गंभीरता को दर्शाता है।
टीम में अन्य प्रमुख सदस्य भी शामिल हैं, जिनमें एआईजी रणजीत सिंह ढिल्लों, डीएसपी रघुवीर सिंह और डीएसपी अमरप्रीत सिंह जैसे काबिल पुलिस अधिकारी शामिल हैं। गौरतलब है कि इससे पहले गठित एसआईटी का नेतृत्व एआईजी बलराज सिंह कर रहे थे। पिछली एसआईटी को लेकर विवाद भी सामने आए थे, जब अकाली दल ने आरोप लगाया था कि एआईजी बलराज सिंह को मजीठिया मामले में पक्षपातपूर्ण जांच करने के बदले में अपने बेटे के लिए प्रमोशन मिला है। इन आरोपों के चलते पिछली एसआईटी की निष्पक्षता पर सवाल उठे थे।
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Bikram Majithia will appear before SIT on this day