फिरोजपुर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का सीधा असर भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय हुसैनीवाला सीमा पर होने वाली रोजाना रिट्रीट सेरेमनी पर पड़ा है। सुरक्षा कारणों से इस पारंपरिक सेरेमनी के तौर-तरीकों में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं।
पहले जहां रिट्रीट सेरेमनी के दौरान दोनों देशों के बीच लगे बैरिकेड हटा दिए जाते थे, वहीं अब सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बैरिकेड लगाकर ही पूरी रस्म अदा की जा रही है। इसके अलावा, सेरेमनी का एक मुख्य आकर्षण, जिसमें बीएसएफ के जवान पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश कर और पाकिस्तानी रेंजर्स भारतीय सीमा में आकर अपने-अपने झंडे नीचे उतारते थे, उसे भी बंद कर दिया गया है। अब दोनों देशों के जवान अपनी-अपनी सीमा में रहकर ही झंडा उतारने की रस्म पूरी कर रहे हैं।
हालांकि, इन बदलावों के बावजूद आम लोगों के लिए रिट्रीट सेरेमनी देखने पर कोई पाबंदी नहीं है। लेकिन परेड के दौरान बीएसएफ जवानों में पहलगाम हमले का गुस्सा और जोश साफ तौर पर देखा जा सकता है।
सुरक्षा में सख्ती के तहत, अब रिट्रीट सेरेमनी स्थल पर वीडियो बनाने और तस्वीरें खींचने पर भी रोक लगा दी गई है। साथ ही, रिट्रीट सेरेमनी देखने आने वाले या शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित करने जाने वाले हर व्यक्ति की सतलुज दरिया पर बने पुल पर कड़ी चेकिंग की जा रही है। ये सभी अतिरिक्त सुरक्षा उपाय पहलगाम आतंकी हमले के बाद लागू किए गए हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
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Big change in the rules of Hussainiwala Border Retreat Ceremony