नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई कमेटी से अलग होने पर शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन के नेता भूपिंदर सिंह मान ने अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि कमेटी छोड़ने का फैसला उन्होंने एक किसान होने के नाते किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि उन्होंने कमेटी छोड़ने में देरी की है। उन्होंने कहा कि पहले वो किसान हैं और उसी के बाद सब कुछ हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें किसी प्रकार की कोई धमकी नहीं मिल रही है और ना ही उनपर किसी तरह का कोई दबाव है। साथ ही कहा कि इस मसले का हल बातचीत से ही निकलने वाला है। भूपेंद्र सिंह मान ने कहा कि वो जनभावना को देखते हुए अपना इस्तीफा दे रहे हैं और हो सकता है कि उनके ही किसान संगठन ने किसी नाराजगी की वजह से उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया हो, लेकिन उन्हें लगता है कि वो अपने साथियों को मना लेंगे।
भूपेंद्र सिंह मान ने कहा कि उन्होंने किसी वक्त में जरूर किसान कानूनों का समर्थन किया होगा, लेकिन अब वो जनभावना के साथ हैं। भूपेंद्र सिंह मान ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट को और भी काबिल लोग मिलेंगे और कोई ना कोई समाधान निकलेगा। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों में काफी समझदार नेता मौजूद हैं और उन्हें उम्मीद है कि सरकार और किसान संगठन मिलकर इस मुद्दे को सुलझा लेंगे।
उधर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद किसानों का केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन जारी है। शुक्रवार को आंदोलन का 51वां दिन है। शुक्रवार को केंद्र सरकार किसानों से बात करेगी। दोनों के बीच ये 9वें दौर की बातचीत होगी। विज्ञान भवन में दोपहर 12 बजे सरकार किसानों के साथ बैठक करेगी।