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लख लानत : दस बीस छुटभैये नेताओं ने कर डाले नेशनल हाइवे जाम, उड़ रही कानून की धज्जियां, हज़ारों लोगों की परेशानी की वजह बनी पुलिस की नाकामी, मुट्ठीभर प्रदर्शनकारियों केे आगेे पुलिस ने टेके घुटने बनी रही मूकदर्शक

लख लानत : दस बीस छुटभैये नेताओं ने कर डाले नेशनल हाइवे जाम, उड़ रही कानून की धज्जियां, हज़ारों लोगों की परेशानी की वजह बनी पुलिस की नाकामी, पुलिस बनी मूकदर्शक. मुट्ठीभर प्रदर्शनकारियों केे आगेे पुलिस ने टेके घुटने

जालंधर (अमन बग्गा) जालंधर में मुठ्ठी भर छुटभैया नेताओ की 10/20 लोगों की भीड़ ने कानून की धज्जियां उड़ाते हुए नेशनल हाइवे पर जाम लगाकर यहां एक और हज़ारों लोगों को परेशानी में डाल दिया वही दूसरी ओर पुलिस प्रशासन की पोल खोल कर रख दी। कानून के रखवालों के सामने कानून की धज्जियां उड़ती रही लेकिन पुलिस मूक दर्शक बनकर तमाशा देखती रही।

जालंधर पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर एक तरफ बेहतर कानून व्यवस्था के बड़े बड़े दावे करते है वही दूसरी ओर 20/30 छुटभैये नेताओं के आगे पुलिस अधिकारी घुटने टेक रहे है । 

प्रत्यक्षदर्शियों का यह भी कहना है कि बाजारों में पुलिस के दवाब के चलते दुकानें बंद करवा रही है। जिस वजह से दुकानदारों में काफी रोष है।

आप को बता दें कि नेशनल हाइवे जाम करना कानूनन अपराध है। ऐसे लोगों पर एफआईआर दर्ज की जा सकती है । लेकिन पुलिस का नरम रवैया और मुठ्ठीभर प्रदर्शनकारियों के आगे घुटने टेक देने से ऐसा लग रहा है जैसा पुलिस कैप्टन सरकार के इशारों पर भारत बंद को समर्थन दे रही हो।

अगर ऐसा नही है तो जालंधर पुलिस कमिश्नर क्यों हाथ पर हाथ धरे बैठे है। पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर क्यों हज़ारों लोगों को परेशानी में डालने वाले मुठ्ठी भर छुटभैये नेताओ को राष्ट्रीय राजमार्ग से खदेड़ने के आर्डर नही दे रहे। 

विरोध करना सभी का सवैधानिक अधिकार है किसी को CAA आदि का विरोध करना है तो प्रशासन द्वारा घोषित किये गए स्थानों पर धरने लगाए जाने चाहिए ऐसे हज़ारों की तादाद में पंजाब की आम जनता को परेशान करना क्या ठीक है। 

एक तरफ तो प्रशासन की तरफ से कहा जाता है कि किसी को भी कोई धरना देना है तो प्रशासन द्वारा निश्चित की गई जगहों पर ही धरना दिया जाएगा वही दूसरी ओर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम किये जाते है ,कानून के सामने ही कानून की धज्जियां उड़ती है तब पुलिस मूक दर्शक बन कर तमाशा देखती है।पुलिस मुट्ठी भर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के बजाए उन्हें सुरक्षा घेरा उपलब्ध करती नजर आई। इतना ही नहीं भारी पुलिस बल की तैनाती के बावजूद सड़कें खाली करवाने के बजाए हाथ पर रखे खड़े पुलिसवालों को देख कर लग रहा था कि वे इस बंद को सफल करवाने के काम पर लगाए गए हैं।

पंजाब के हज़ारों लोगों की परेशानी का तमाशा देखते कानून के रखवाले???देखें तस्वीरें