नई दिल्ली: उत्तर अमेरिका के शहर मेक्सिको में सरकार द्वारा एक बड़ा फैसला किया गया है। जिसको लेकर मैक्सिको में जश्न का माहोल है। महिलाओं के हक़ में दिया गया यह फैसला उनके अधिकारों को काफी बढ़ावा देता है। जिसको लेकर इंफॉर्मेशन ग्रुप फॉर चोजेन रीप्रोडकशन (जिआईआरई) ने कहा, ‘किसी भी महिला को या गर्भवती व्यक्ति को और स्वास्थ्य कर्मचारियों को गर्भपात के लिए सजा नहीं होनी चाहिए।’ मेक्सिको के 20 राज्यों में गर्भपात एक जुर्म घोषित है, कड़ी सजाओं का भी प्रावधान है। इन राज्यों में इस आदेश पर अमल किया जाएगा मगर अभी कानूनी प्रक्रिया बननी बाकी है। यह फैसला आने के बाद से सोशल मीडिया पर जश्न का माहौल बना हुआ है। आज मेक्सिको की महिलाओं के लिए न्याय और जीत का दिन है।’
मेक्सिको नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर वुमन ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर मेसेज लिखते हुए कहा कि यह लैंगिक समानता की ओर एक बड़ा कदम है। मेक्सिको के सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायधीश, ओल्गा सांचेज कोरदेरो ने भी इस आदेश की तारीफ करते हुए एक्स पर लिखा “आज हम एक न्यायपूर्ण समाज की ओर बढ़े हैं जहां सबके अधिकारों का सम्मान हो रहा है।’
हाल में लैटिन अमेरिका के कई देशों ने गर्भपात पर लगे कानूनी प्रतिबंधों को ढील भी दी है। गर्भपात के हक में महिलाओं ने अपने माथे पर हरी पट्टी पहन कर मार्च निकाले गए हैं इसलिए लैटिन अमेरिका में ऐसे बढ़ते ट्रेंड को ‘ग्रीन वेव’ भी कहा जा रहा है।
View this post on Instagram
View this post on Instagram
Abortion is legal here, the Supreme Court has excluded it from the crime category