नई दिल्ली: शिरोमणी अकाली दल दिल्ली (शिअद) के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा पर गोलक के दुरुपयोग को लेकर दूसरी बार मुकदमा दर्ज हुआ है।
परमजीत ने गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब स्थित पार्टी कार्यालय में संवाददता सम्मेलन में कहा कि ऐसे कृत्यों का सामने आना गुरु के सिद्धांतों के साथ विश्वासघात है। जो लोग गुरु की गोलक को लूटते हैं और सिख समुदाय के लोगों (संगतों) के दान का गबन करते हैं उन पर कभी भी भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने सभी विपक्षी पार्टियों को बादल दल को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर समर्थन देने से परहेज रखने की भी सलाह दी। शिअद के महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने बताया कि कोरोना महामारी के समय सिरसा अपने ही कर्मचारियों और स्कूल के अध्यापकों को भूखा छोड़कर अपने प्रचार में व्यस्त रहे। गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूल (जीएचपीएस) के अध्यापकों को आठ महीने से वेतन नहीं मिला है। पंजाबी बाग स्थित गुरु नानक इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के असहाय कर्मचारियों को छह महीने से वेतन नहीं मिला है।
शिअद के महासचिव गुरमीत सिंह शंटी ने सबूत पेश करते हुए बताया कि गुरुद्वारों में वाटर कूलर, आरओ मशीन और स्टेबलाइजर जैसा अन्य जरूरी सामान अनधिकृत कंपनियों से महंगे दामों में खरीदा गया है। ऐसे कुकृत्य ही डीएसजीएमसी की बर्बादी की मुख्य वजह है। गौरतलब है कि शिअद के पीआरओ भूपिंदर सिंह की शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा सिरसा के खिलाफ दर्ज दूसरा मुकदमा गोलक चोरी और दान के पैसों में हेराफेरी से संबंधित है। एफआईआर के मुताबिक एक करोड़ से अधिक राशि का फर्जी (सेल) कंपनियों को भुगतान कर दिया गया।