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आयुष्मान भारत योजना में बड़ा घोटाला, अमृतसर में इन 4 अस्पतालों पर गिरी गाज, एक डॉक्टर तो पत्नी को मरीज दिखाकर लगा रहा था चपत

अमृतसर: अमृतसर में आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है। इस योजना से जोडे़ गए कुछ निजी अस्पताल फर्जी मरीज दिखाकर सरकारी राशि को चपत लगा रहे थे। स्वास्थ्य विभाग ने इन चार अस्पतालों को आयुष्मान भारत सरबत सेवा बीमा योजना से अलग कर दिया है।

आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना से जोड़े गए निजी अस्पतालों में मीरांकोट स्थित वर्मा अस्पताल, छेहरटा गुरु की वडाली स्थित मनु अरोड़ा अस्पताल, संधू लाइफ केयर सहित न्यू लाइफ अस्पताल शामिल है। स्वास्थ्य विभाग की इन अस्पतालों पर लगातार नजर थी। विभाग की टीमें समय-समय पर अस्पतालों का निरीक्षण करती रहीं। इनमें वर्मा अस्पताल में मरीज नहीं था लेकिन उपचार चल रहा था। इसी तरह मनु अरोड़ा अस्पताल के संचालक ने अपनी पत्नी का फर्जी कार्ड बनवाकर उसे एडमिट किया था। उसकी पत्नी बीमार नहीं थी। जब टीम यहां जांच करने पहुंची तो रिकार्ड में पूनम अरोड़ा का नाम देखकर मरीज के बारे में पूछा।

इस दौरान बताया गया कि मरीज को एमआरआई करवाने भेजा है। जब टीम ने मामले की गहनता से जांच की तो स्पष्ट हुआ कि पूनम अरोड़ा तो अस्पताल के संचालक डा. मनु अरोड़ा की पत्नी है। उसने फर्जी कार्ड तैयार करवाकर ऐसा करने का प्रयास भी किया पर सफल नहीं हुआ। इसी प्रकार न्यू लाइफ अस्पताल में सर्जन नहीं था, इसके बावजूद रिकार्ड में मरीज का आपरेशन दर्शाया जा रहा था। वहीं संधू लाइफ केयर अस्पताल में मरे हुए मरीज को आईसीयू में रखकर उपचार दिखाया जा रहा था। डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डा. गुरमीत कौर ने इन अस्पतालों की कारस्तानी का बाकायदा प्रमाण के साथ चिट्ठा तैयार कर चंडीगढ़ भेजा और स्वास्थ्य विभाग ने इनकी आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना की मान्यता रद्द कर दी है।

डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉ. गुरमीत कौर ने बताया कि हायर अथारिटी को इस बारे में जानकारी दे दी गई है। अथारिटी ही इन अस्पतालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने में सक्षम है। फिलहाल इनकी योजना से जुड़ी मान्यता समाप्त कर दी गई है। डा. गुरमीत के अनुसार निजी अस्पतालों में फेक कार्ड तैयार करवाए जा रहे हैं। इससे सरकार को भारी नुकसान हो रहा है। यह योजना उन लोगों के लिए है जो आर्थिक दृष्टि से बेहद कमजोर हैं। इन्हें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए पांच लाख रुपये का मेडिकल कवर दिया जाता है। डा. गुरमीत के अनुसार अमृतसर में दस सरकारी एवं 87 निजी अस्पतालों को इस योजना से जोड़ा गया है।