चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब राज्य में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए राज्य के सभी गांवों में हर घर को नंबर देने का आदेश दिया है। इस फैसले का उद्देश्य राज्य में पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया को सुनिश्चित करना, प्रभावी शासन व्यवस्था को मजबूत बनाना और नागरिकों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराना है।
अदालत ने इस पूरे अभियान को एक साल के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है। जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और सुदीप्ति शर्मा खंडपीठ ने कहा कि सटीक घर नंबरिंग से चुनावों में पारदर्शिता आएगी और प्रशासन को नागरिकों की बेहतर पहचान करने में मदद मिलेगी। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि ग्राम पंचायत सचिव इस पूरे अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और उन्हें हर घर का डेटाबेस बनाए रखना होगा।
अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि राज्य में वार्डों का गठन करते समय जनसंख्या के आधार पर किया जाए और भौगोलिक निकटता का भी ध्यान रखा जाए। अदालत ने कहा कि वार्ड गठन से पहले लोगों को अपनी राय देने का मौका दिया जाए। अदालत ने राज्य सरकार को इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी करने का आदेश दिया है। नोटिफिकेशन में वार्डों की सीमाएं और अन्य संबंधित जानकारी दी जाएगी।
यह फैसला पंजाब राज्य के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। इससे राज्य में शासन व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और नागरिकों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।
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Every house in the villages of Punjab will get a unique number