जालंधर (अमन बग्गा): शहर में इम्मीग्रेशन का काम करने वालों पर आए दिन लोग विभिन्न आरोप लगा उन्हें बदनाम करने का काम करते हैं। ऐसा ही एक मामला गत दिनों PIMS हॉस्पिटल के सामने स्थित मार्किट में ARYANS ACADEMY में तब सामने आया जब एक पक्ष द्वारा वहाँ तोड़फोड़ की गई। लेकिन सच्चे होने के चलते ARYANS ACADEMY संचालकों ने अपने स्टाफ का साथ दिया व थाना-7 में इस तोड़फोड़ को अंजाम देने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई जिस पर थाना-7 प्रभारी ने दोनो पक्षों के बयान लेकर उचित कार्यवाही की बात कही। जिसके पश्चात गलत होने के चलते तोड़फोड़ करने वालों ने कुछ समाजसेवकों को बीच में डाल कर ARYANS ACADEMY प्रशासन से सीधा सम्पर्क साधा और माफ़ी मांग जान छुड़वाई।
इस दौरान तोड़फोड़ करने वालों ने माना कि उनकी बेटी 2 बार दुबई जा कर वापिस लौटी लेकिन उसका कुछ न बना। जिसके पश्चात उन्होंने ARYANS ACADEMY द्वारा विदेश की फाइल अप्लाई की।
जोकि अप्लिकेंट की कमी के चलते वीज़ा रिफ्यूज हो गया और दुबई जाकर वापिस आने व एम्बेसी इंटरव्यू फीस आदि में पैसा भी काफी खर्च हो गया जिसकी बौखलाहत में वह उस दिन ARYANS ACADEMY परिसर पहुंचे व कुछ शरारती तत्वों की बातों में आ गए और तोड़फोड़ कर दी। जिसकी उन्होंने (एप्लिकेंट व उनकी माता जी) अंततः माफ़ी मांगी। माफी मांगने पर दिल बड़ा दिखाते हुए ARYANS ACADEMY प्रशासन ने उनकी मनोस्तिथि समझते हुए उन्हें माफ़ कर दिया।
उन्होंने सभी को एक संदेश दिया कि हर बार इम्मीग्रेशन वाले गलत नहीं होते और ARYANS ACADEMY वैसे भी सारे पैसे वीज़ा लगवाने के बाद ही लेते हैं। वहीं स्टाफ का साथ देकर भी इन्होने बड़ा उदाहरण पेश किया। पुलिस कार्यवाही भी इस मामले में काबिल-ए-तारीफ रही।
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The miscreants who created ruckus in the office of Aryans Academy accepted their mistake