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PLNलुधियाना:(अशवनी शर्मा) सन 1527 में हिंदुओं के आराध्य भगवान श्री राम जी की जन्म स्थली पर बना भव्य मन्दिर बाबर द्वारा तुड़वा दिया गया था। उसके बाद सनातनी वहां पर मन्दिर बनाने के लिए आज तक लाखों जाने गंवा चुकने के बाद भी मन्दिर बनने की राह देख रहे हैं।
वर्तमान की बात करें तो कानून में अटूट विश्वास रखने वाले हिंदुओं का भरोसा अब न्यायालय से उठ चुका है ? जिसका कारण है आतंकवादियों के लिए आधी रात को अदालतें लगना और एक बड़े नेता/वकील की बात पर ध्यान देते हुए श्री राम मन्दिर की सुनवाई सन 2019 तक के लिए स्थगित करना।
इस बारे में श्री राम जन्म भूमि न्यास (लुधियाना इकाई) के प्रचार प्रमुख अनिल अरोड़ा जी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा श्री राम जन्म भूमि के निर्णय को 2019 तक टाल दिया जाने के बाद समस्त सनातनी समाज व्याकुल है, औऱ शीघ्र अपने आराध्य श्री राम भगवान जी का भव्य मन्दिर बनते हुए देखना चाहता है। अतः अब समस्त हिन्दू समाज संगठित हो कर सरकार से इस बारे में कानून बनाने की मांग कर रहा है, इसी कड़ी में सारे देश में प्रभात फेरियां, सन्ध्या फेरियां, रथ यात्राएं और धर्म सम्मेलन हो रहे हैं। और लुधियाना शहर में भी प्रभात फेरियों और संध्या फेरियों का दौर जारी है।
अनिल अरोड़ा ने आगे बताया की इसके बाद शहर के अलग अलग हिस्सों में रथ यात्राएं निकली जाएंगी और आगामी 9 दिसम्बर को जालन्धर बाईपास के नजदीक दाना मंडी में विराट धर्म सम्मेलन किया जाएगा।
बहरहाल PLN के सूत्रों के अनुसार श्री राम मन्दिर निर्माण की इस मुहिम से लोग काफी उत्साहित हैं