जालंधर: बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंक यूनियनों के संयुक्त फोरम (यूएफबीयू) द्वारा आहूत दो दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को जिले में 750 बैंक शाखाओं के 6000 कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर रहे जिसके कारण जिले में लगभग 500 करोड़ रूपये का लेनदेन प्रभावित हुआ।
यूएफबीयू जालंधर के संयोजक अमृत लाल ने बताया कि बैंकों के निजीकरण के लिए बैंक यूनियन सरकार के कदम का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में घोषणा की है कि सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों का निजीकरण किया जाएगा।
कर्मचारी अपनी बैंक शाखाओं के सामने और एसबीआई मुख्य शाखा के सामने एक रैली के बाद एकत्र हुए। रैली को संबोधित करते हुए अमृत लाल ने कहा कि सरकार निजीकरण के साथ आगे बढ़ रही है जो न तो कर्मचारियों के हित में है और न ही आम जनता के हित में है। यह सामाजिक बैंकिंग की अवधारणा को समाप्त कर देगा और परिणाम स्वरूप सार्वजनिक धन का उपयोग कॉरपोरेट घरानों द्वारा अपने हित के लिए किया जाएगा।