जालंधर ( अमन बग्गा ) अंग्रेजों ने भारत में आकर बड़ी चालाकी से हिन्दू धर्म को मिटाने के लिए हिन्दू संस्कृति को हटाकर अपनी पश्चिमी संस्कृति थोपनी चाही, गत वर्षों तक इसका प्रभाव जनमानस पर देखने को मिला,
लेकिन अब देश की जनता जागरूक होने लगी है, धीरे-धीरे जनता पश्चिमी संस्कृति को भूल रही है और भारत की दिव्य संस्कृति की तरफ लौट रही है ।
25 दिसंबर तुलसी पूजन दिवस और श्री गीता जयंती के पावन पर्व के निमित संत श्री आशाराम जी बापू आश्रम जालंधर की तरफ से बस्ती गुंजा में, पार्षद शैली खन्ना की तरफ से श्री गुरु गोबिंद सिंह एवेन्यू और गोपाल नगर में हिन्दू संगठनों ने भव्य कार्यक्रम आयोजित किये।
इस मौके तकरीबन सेंकडो लोगों ने मां तुलसी जी और श्री गीता ग्रंथ का पूजन किया । वही इस मौके पर तुलसी के पौधे और श्री गीता ग्रंथ वितरित किये गए।
क्रिसमस की जगह देश विदेश में तुलसी पूजन दिवस की मची धूम
भारत ही नही बल्कि विदेेेशो में भी तुलसी पूजन दिवस मनाया गया। प्रत्येक शहर की फोटोज,वीडियोज में अपार भीड।
चारों और एक ही नाम था…#तुलसीपूजनदिवस, गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला नाम बन.गया…#तुलसीपूजनदिवस,
Twitter पर लगातार टॉप पर ट्रेंड करता रहा #तुलसीपूजनदिवस
Facebook पर तो मानों..बाढ आ गयी हो…
#तुलसीपूजनदिवस के बधाई संदेशों,पूजन के फोटो व वीडियो से पूरा Facebook तुलसी मय हो गया था।
इसके अलावा सभी वाट्सएप ग्रुपों,स्टेटस वगैरह में भी #तुलसीपूजनदिवस ही छा रहा था।
जनप्रतिनिधियों के ट्वीट्स में भी क्रिसमस की जगह #तुलसीपूजनदिवस के बधाई संदेश थे।
अब सोंचने की बात है…..
“मिशनरियों और षडयंत्रकारियो ने सोचा की साजिश करके संत श्री आशाराम बापू को फसा कर जेल में डालेंगे तो उनका हिन्दू संस्कृति का प्रचार प्रसार बन्द हो जाएगा। उनको यह नहीं पता था की …. जेल में रहते हुए भी हिन्दू संत पूज्य बापू जी पूरे देश भर में हिन्दू संस्कृति का डंका बजाए रखेंगे।