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HMV ने आयोजित की इंडिया मीडिया लिटरेसी नेटवर्क वर्कशॉप, 750 प्रतिभागियों ने लिया भाग

जालंधर (अमन बग्गा): हंसराज महिला महाविद्यालय के पीजी विभागों मास कम्युनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन तथा मल्टीमीडिया की ओर से फैक्टशाला इंडिया मीडिया लिटरेसी नेटवर्क वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप में फेसबुक लाइव के माध्यम से 750 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस वर्कशॉप के रिसोर्स पर्सन गुरु जम्बेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी हिसार हरियाणा के कम्युनिकेशन मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी विभाग के चेयरमैन प्रो. उमेश आर्य थे।

 

 

प्रिंसिपल प्रो. डॉ. अजय सरीन ने कहा कि इनफार्मेशन की गति को नियंत्रित करना कठिन है, ऐसे समय में इस समस्या को मीडिया एंड इनफार्मेशन लिटरेसी के माध्यम से कम किया जा सकता है। इस वर्कशॉप के माध्यम से लोगों में इनफार्मेशन लिटरेसी प्रतिस्पर्धा को विकसित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोगों को मीडिया शिक्षित बनाने के क्षेत्र में ठोस कदम उठाये जाने की जरूरत है ताकिइनफार्मेशन एंड मीडिया संदेशों के समुद्र में आसानी से पार उतरा जा सके। मास कम्युनिकेशन विभाग की हेड रमा शर्मा ने प्रो. आर्य का स्वागत किया तथा उनका परिचय दिया। उन्होंने वर्कशॉप का संक्षिप्त परिचय भी दिया। प्रो. उमेश आर्य ने कहा कि वर्तमान समय में जागरूकता की महत्ता बढ़ रही है लेकिन सही समाचार कैसे प्राप्त करे यह प्रश्न वहीं का वहीं है। पहले लिटरेसी को आईटी लिटरेसी ही माना जाता था पर इसमें मीडिया लिटरेसी भी शामिल होनी चाहिए। आज के समय में हर कोई जर्नलिस्ट है इसलिए फेक न्यूज से लड़ने की जिम्मेदारी भी हरेक की होनी चाहिए। फेक न्यूज को लोगों में भ्रान्ति पैदा करने के लिए बनाया जाता है।

 

 

प्रो. आर्य ने कहा कि मीडिया लिटरेसी का अर्थ है फैक्ट तथा फिक्शन में अंतर को समझना। जब भी कोई संदेश मिले तो 5 प्रश्न जरूर पूछे- इस संदेश को किसने बनाया, इस संदेश को क्यों बनाया गया, इस संदेश का टारगेट कौन है, इसमें क्या जानकारी है एवं क्या नहीं है तथा इस संदेश का रीडर पर क्या प्रभाव रहेगा। उन्होंने अपना सेशन काफी इंटरैक्टिव रखा तथा ऑनलाइन माध्यम से फीडबैक लेते रहे। वर्कशॉप मॉडरेटर तथा डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. अंजना भाटिया ने सभी का धन्यवाद किया।