जालंधर ( अमन बग्गा) 15 वर्षीय कुसुम के साहस और वीरता जिसने स्नैचिंग के प्रयास को नाकाम करते हुए अदभुत साहस दिखाते हुए ,कलाई पर गंभीर चोट के बावजूद बदमाशों का सामना किया , जिसके सम्मान में जिलाधीश घनश्याम थोरी ने 51000 रुपये के नकदी पुरस्कार की घोषणा की है।
इतना ही नहीं, जिलाधीश घनश्याम थोरी ने कहा कि प्रशासन अन्य लड़कियों को प्रेरित करने के लिए जालंधर में बेटी बचाओ-बेटी पढाओ कार्यक्रम के अधीन कुसुम के नाम पर शुभकंर का अनावरण करेगा और ‘दादी की लाडली’ एक ऑनलाइन प्रतियोगिता भी शुरू की जाएगी ताकि युवा लड़कियां इस में भाग ले सके और अपनी कहानियों को सांझा कर सकती हैं कि उनकी दादी व मा कैसे उनका समर्थन करती हैं।
उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ तीन लड़कियों को 10000 रुपये, 5000 रुपये और 2000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जालंधर को कुसुम पर गौरव है और वह समाज के लिए एक आदर्श बन गई हैं।
“कुसुम ने साबित कर दिया है कि अगर पंख दिए जाएं तो लड़कियां कुछ भी हासिल कर सकती हैं। जैसा कि उसके परिवार ने उसे एनसीसी और ताइक्वांडो के लिए प्रेरित किया, जिसने उसमें विश्वास पैदा किया और उसकी कलाई में गंभीर चोट लगने के बावजूद घटना के दौरान बेमिसाल साहस का प्रदर्शन किया।
जिलाधीश ने कहा कि कॉरपोरेट सोशल रिस्पासिबिलिटी की तरफ से (सीएसआर) कुसुम को नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि देश के विकास और लोगों की समृद्धि के लिए महिला सशक्तीकरण बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह देश में महिलाओं के अस्तित्व को बदलने में मददगार होगा।
जिलाधीश ने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढाओ ’अभियान लोगों में जागरूकता पैदा करने में मददगार रहा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी गुरमिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि बहादुर कुसुम के नाम पर इस को जल्द ही शुभकंर ( मसकट) लाँच किया जाएगा और विभाग की टीम उसके परिवार के साथ बातचीत कर रही है।
उन्होंने कहा कि दादी की लाडली एक ऑनलाइन प्रतियोगिता होगी जिसमें अन्य युवा लड़कियां भाग लेंगी। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता के बारे में आने वाले दिनों में जानकारी दी जाएगी।