नई दिल्लीः कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों को लेकर करीब तीन हफ्ते पहले अमेरिकी डॉक्टर्स बेहद परेशान थे क्योंकि मरीजों का खून जम रहा था। ऐसे में उन मरीजों को बचाने के लिए खून को पतला करने वाली दवाएं दी जा रही थीं। लेकिन अब एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि खून पतला करने वाली दवाएं जीवनरक्षक बन रही हैं। जर्नल ऑफ अमेरिकल कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है।
इसे लिखने वाले डॉ. वैलेंटीन फस्टर ने बताया कि कोरोना के गंभीर मरीजों के शरीर में खून का थक्के बन रहे हैं। ये जानलेवा साबित हो रहा है। इसलिए खून पतला करने की दवाओं से आधे मरीजों की जान बचाई जा रही है।
डॉ. फस्टर ने बताया कि मैंने देखा है कि कोरोना वायरस कैसे मरीजों के खून को जमा रहा है। इसके साथ रेमडेसिविर दवा भी कोरोना के मरीजों को बचाने में कारगर साबित हो रही है।
डॉ. फस्टर ने बताया कि जिन मरीजों को खून पतला करने की दवा दी गई थी। उनमें से मरने वालों की संख्या घटकर आधी हो गई। जबकि, जिन्हें ये दवा नहीं मिली वो मारे गए। यही नहीं, खून पतला करने वाली दवा की वजह से बेहद गंभीर मरीजों का सर्वाइवल भी बढ़ा है।