फिल्लौर (अमन बग्गा): अपने घरेलू कार्यों में से समय निकाल कर चौधरी संतोख सिंह की धर्मपत्नी श्रीमती कर्मजीत कौर और बहु श्वेता चौधरी आज चौधरी साहिब के प्रचार अभियान में पूरी तरह से शामिल हो गेन। चौधरी संतोख सिंह चाहे अपने व्यस्ततम कार्यक्रम के चलते घर घर जाकर वोटरों से मिलने का समय नहीं निकाल पा रहे परन्तु उनेक परिवार की महिलाएं उनके प्रचार अभियान को तेज करने के लिए निकल पड़ी है और फिल्लौर के कई इलाकों में आज उन्होंने चौधरी साहिब के पक्ष में कई रैलियां की और माहिलाओं को चौधरी साहिब के विजन और पिछले पांच वर्षों के दौरान किया गए जन कल्याण कार्यों बारे अवगत कराया।
श्रीमती कर्मजीत कौर और श्वेता चौधरी की उपस्थिति में फिल्लौर के गाँवों अकालपुर और रुड़का खुर्द में आज भारी संख्या में अकाली, बीजेपी और बसपा के कार्यकर्ता और नेता कांग्रेस में शामिल हो गए। श्रीमती कर्मजीत कौर ने मीटिंगों में महिलाओ को बताया कि उनका पूरा परिवार हे चुनाव लड़ रहा है और हम पुरुषों की तरह ही उनके बराबर मीटिंगें और जन सभाएं कर रही है तथा लोगों को कांग्रेस की नीतियपन और राहुल गांधी के विजन बारे जानकारी दे रही है।
अकालपुर, रुड़का खुर्द, मंसूरपुर, तरखान माजरा, थल्ला , मज़ारा ढक्क और गढ़ी महासिंह में, रैलियों को संबोधित करते हुए श्वेता चौधरी ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी ही है जिसने औरतों को लोकल बॉडीज और पंचायतों के चुनावों में 50 % का आरक्षण देकर उन्हें पुरुषों के बराबर अधिकार दिया। न्याय योजना के माध्यम से गरीब परिवारों की महिला सदस्यों के खाते में हर साल 72 हज़ार रुपये की रकम उनके सीधे बैंक खातों में जमा कराने का वादा कांग्रेस ने कियाहै जिससे मजबूत होगी।
महिला ब्रिगेड का कार्य बारे उन्होंने कहा कि हमने अपना कार्य बाँट लिया है और जमीनी स्तर पर काफी कार्य कर भी लिया गया है.हम लोगों के साथ घर-घर जाकर उनसे सम्पर्क कर रहे हैं. जिससे हमें भारी समर्थन हासिल हो रहा है। हम लोगों को चौधरी साहिब के विजन और उनके द्वारा पिछले पांच वर्षों के दौरान किये गए कार्यों की जानकारी भी दे रहे है।
महिलाओ के साथ अपनी मीटिंगों में हम उन्हें मोदी सरकार की भ्र्ष्ट नीतियों, महंगाई और काला बाज़ारी बारे जानकारी दे रही हैं कि किस तरह मोदी की गलत नीतियो और फैसलों के कारण लोगों को अपना घर चलाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी की नोटबंदी के कारण नारी शक्ति को भी अपने ही पैसे लेने के लिए लम्बी लम्बी कतारों में लगना पड़ा था।