A big shuffle from the middle of the two big officers of the Central Bureau of Investigation
नई दिल्ली- सीबीआई के अंतरिम चीफ नागेश्वर राव पद संभालते ही एक्शन में आ गए हैं जिन्होंने हाईप्रोफाइल केस की निगरानी अपने जिम्मे ले ली है। न्यूज एजंसी के मुताबिक नागेश्वर राव ने अगस्ता वेस्टलैंड और विजय माल्या केस की निगरानी खुद संभाल ली है। सूत्रों का कहना है कि इन दोनों केस की जांच कर रहे ऑफिसरों से कहा गया है कि वे नियमित तौर से जांच की प्रोग्रेस की डिटेल से अवगत कराया जाए। इसके अलावा कई और संवेदनशील मामलों की जांच की निगरानी राव ने अपने पास ले ली है।
ज्ञात हो कि सीबीआई के चीफ आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच टकराव के हालात बन गए थे। दोनों अफसरों ने एक दूसरे के खिलाफ घूसखोरी जैसे गंभीर मुकदमें दर्ज कराए हैं। देश की सबसे बड़ी जांच की एजेंसी की हो रही फजीहत को देखते हुए सीवीसी की सलाह पर केंद्र सरकार ने दोनों अफसरों को छुट्टी पर भेज दिया है। साथ ही जांच प्रक्रिया पूरी होने तक आलोक वर्मा की जगह नागेश्वर राव को सीबीआई में अंतरिम चीफ बनाया गया है।
इस दौरान सीबीआई ने अपने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही टीम में बड़े बदलाव किए हैं। अब इस जांच टीम में बिल्कुल नए चेहरे शामिल किए गए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जांच अधिकारी से लेकर पर्यवेक्षक स्तर तक के अधिकारी बदल दिए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार की देर रात सीबीआई प्रमुख का प्रभार संभालने वाले 1986 बैच के ओडि़शा कैडर के आईपीएस अधिकारी एम. नागेश्वर राव ने पुलिस अधीक्षक के तौर पर सतीश डागर को अस्थाना के खिलाफ दर्ज मामले की जांच का जिम्मा सौंपा है। डागर इससे पहले डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ मामलों की जांच कर चुके हैं।
पुलिस अधीक्षक डागर की ओर से की जाने वाली जांच के पहले पर्यवेक्षण अधिकारी डीआईजी तरुण गाबा होंगे जिन्होंने व्यापमं घोटाले के मामलों की जांच की थी। संयुक्त निदेशक स्तर पर वी. मुरुगेशन को लाया गया है। वह सीबीआई मुख्यालय में भ्रष्टाचार निरोधक इकाई-एक के संयुक्त निदेशक होंगे।
अधिकारियों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने कोयला घोटाले की जांच में मुरुगेशन पर भरोसा जताया था। पिछले जांच अधिकारी डीएसपी ए. के. बस्सी का तबादला कर ‘‘जनहित’’ में उन्हें ‘‘तत्काल प्रभाव’’ से पोर्ट ब्लेयर भेज दिया गया है। सीबीआई की ओर से जारी आदेश में यह जानकारी दी गई।
अस्थाना ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से की गई शिकायत में आरोप लगाया था कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के निर्देश पर बस्सी उनके खिलाफ ‘भटकाने वाली जांच’ कर रहे हैं। सरकार ने वर्मा और अस्थाना से सारे अधिकार वापस ले लिए हैं।
एक अन्य आदेश में सीबीआई ने संयुक्त निदेशक (नीति) अरुण कुमार शर्मा का तबादला कर उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड की जांच कर रही मल्टी-डिसिप्लीनरी मॉनिटरिंग एजेंसी (एमडीएमए) के संयुक्त निदेशक पद पर तैनात किया है।
वरिष्ठ अधिकारी ए. साई मनोहर का तबादला कर उन्हें चंडीगढ़ जोन का संयुक्त निदेशक बनाया गया है जबकि डीआईजी आर्थिक अपराध-तीन के पद पर कार्यरत अमित कुमार संयुक्त निदेशक (नीति) का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे।A big shuffle from the middle of the two big officers of the Central Bureau of Investigation