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The cut limbs of journalist Jamal Khashogi found in Saudi Ambassador's residence in Turkey

दुनिया को हिलाने वाली खबर, तुर्की में सऊदी अंबैसडर के आवास में मिले पत्रकार जमाल खाशोगी के कटे अंग

The cut limbs of journalist Jamal Khashogi found in Saudi Ambassador’s residence in Turkey

लंदन। पत्रकार जमाल खाशोगी के शरीर के हिस्से इस्तांबुल स्थित सऊदी महावाणिज्यदूत (अंबैसडर) के आवास में पाए गए हैं। ब्रिटेन स्थिति एक प्रसारक ने मंगलवार को एक रपट में यह जानकारी दी। स्काई न्यूज के अनुसार, 59 वर्षीय वाशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार के शरीर को काटा गया था और उनके चेहरे को विकृत कर दिया गया था, जिसके कुछ हिस्से महावाणिज्यदूत के घर के बगीचे में पाया गया है।
हैबरलर की रपट के अनुसार, तुर्की की रोडिना पार्टी के नेता डोगू पेरिनसेक ने भी एक साक्षात्कार में दावा किया कि पत्रकार के शव को महावाणिज्यदूत के आवास परिसर के बगीचे में स्थित कुंए से बरामद किया गया। यह रपट तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन द्वारा खाशोगी की हत्या की साजिश रचने का सऊदी अरब पर आरोप लगाने के तत्काल बाद सामने आया है। उन्होंने कहा कि इस हत्या को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था। इसके साथ ही उन्होंने शव के संबंध में जानकारी सहित सऊदी अरब से और जानकारी देने के लिए कहा। एर्दोगन ने कहा, कि उस व्यक्ति का शव कहां है, जिसके बारे में आधिकारिक रूप से यह कहा गया कि उसकी हत्या कर दी गई है।
एर्दोगन ने दावा किया कि वाशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के कटु आलोचक खाशोगी अपने विवाह संबंधी दस्तावेज लेने 28 सितंबर को पहली बार इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्यिक दूतावास आए थे। उनके इसी दौरे के साथ उनकी हत्या की योजना बनाई गई।
बता दें कि जमाल खाशोगी सिर्फ पत्रकार ही नहीं थे, वह सिर्फ वाशिंगटन पोस्ट से ही नहीं जुड़े हुए थे। सऊदी अरब छोडऩे के बाद जमाल खाशोगी की पहचान और उनकी पत्रकारिता सऊदी अरब, अरब जगत, अमरीका और यूरोप तक विख्यात थी। जमाल खाशोगी का परिवार भी विख्यात रहा है। जमाल खाशोगी दुनिया के कुख्यात हथियार विके्रता अदनान खाशोगी के भतीजे थे। एक समय पूरी दुनिया में अदनान खाशोगी का डंका बजता था और हथियार बनाने वाले यूरोपीय देश और अमरीका अदनान खाशोगी की उंगलियों पर नाचते थे। वह हथियारों की बिक्री और कमीशन में माहिर थे। दुनिया में रसूख रखने वाले परिवार के किसी विख्यात आदमी की जब हत्या होगी तो वह कैसे चर्चित नहीं होगी? जमाल खाशोगी की हत्या तो वैसे तुर्की में हुई है जहां पर वह सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में नागरिकता से संबंधित कागजात हासिल करने गए थे। हत्या के बाद उनके शव को तहस-नहस कर गायब कर दिया गया। जब जमाल खाशोगी के लापता होने के बाद जांच हुई तब पता चला कि सऊदी अरब ने एक साजिशपूर्ण ढंग से उनकी हत्या कराई। जमाल खाशोगी सऊदी अरब के लोकतंत्रीकरण के पक्षधर थे। वहां के शासक क्राऊन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की नीतियों के भी वह आलोचक रहे थे। मोहम्मद बिन सलमान ने सऊदी अरब में कई ऐसे हथकंडे अपनाए हैं, जिनके गंभीर दुष्परिणाम हुए हैं। जमाल खाशोगी को पहले ही खतरे का अंदेशा था, इसीलिए वह सऊदी अरब को छोड़ कर अमरीका चले गए थे। डोनाल्ड ट्रम्प ने यह नहीं देखा कि सऊदी अरब में अमरीकी हित प्रभावित होंगे, उन्होंने आवाज उठाई और सऊदी अरब को झुकने के लिए बाध्य किया है। अभी भी डोनाल्ड ट्रम्प संतुष्ट नहीं हैं। ट्रम्प ने सऊदी अरब पर प्रतिबंध लगाने की बात तक कह डाली है। साल भर पूर्व ही सऊदी अरब ने अमरीका से 110 बिलियन डालर्स का हथियार सौदा किया था। सऊदी अरब ने अप्रत्यक्ष तौर पर धमकी दी है कि अगर अमरीका ने कार्रवाई की और प्रतिबंध लगाए तो फिर वह चीन और रूस के साथ सुरक्षा समझौता करेगा और उन्हीं से हथियार खरीदेगा। इसके साथ ही वह तेल का उत्पादन घटा देगा जिससे तेल के बाजार में आग लग जाएगी। सऊदी अरब के रास्ते आसान नहीं हैं। वह यमन और सीरिया में उलझा हुआ है, इसे अपनी सुरक्षा और अस्तित्व के लिए अमरीकी सहायता और संरक्षण की जरूरत है। जमाल खाशोगी की हत्या के खिलाफ अमरीकी दहाड़ से अन्य मुस्लिम तानाशाही वाले देशों को भी सबक मिलेगा और इस तरह की हत्याओं के विरुद्ध डर भी कायम होगा।