नई दिल्ली: दिल्ली में करारी हार के तुरंत बाद आम आदमी पार्टी (AAP) की पंजाब इकाई में गतिविधियों में तेज़ी देखने को मिल रही है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में खबरों में पुष्टि की है कि पंजाब के विधायकों और मंत्रियों को 11 फरवरी को दिल्ली में आयोजित होने वाली बैठक के लिए बुलाया गया है।
ट्रिब्यून इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी ने विधायकों से मंगलवार को सभी कार्यों को स्थगित कर, कपूरथला हाउस में होने वाली बैठक में शामिल होने का आग्रह किया है। हालांकि, बैठक का विस्तृत एजेंडा अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है। यह बैठक AAP के भीतर चल रहे दल बदल की अटकलों के बीच आयोजित की जा रही है।
हाल ही में कांग्रेस ने दावा किया था कि AAP के कई विधायक दूसरे दलों में शामिल होने के लिए तैयार हैं, लेकिन इस संबंध में किसी AAP नेता ने अभी तक आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। इसी बीच, पार्टी की आगामी बैठक के संदर्भ में एक और बदलाव देखने को मिला है। पहले 6 फरवरी को निर्धारित पंजाब कैबिनेट की बैठक को 10 फरवरी कर दिया गया था, जिसे बाद में 13 फरवरी तक स्थगित कर दिया गया।
दिल्ली में हुए परिणामों के बाद पार्टी नेतृत्व का ध्यान अब पंजाब की ओर मोड़ने की संभावना जताई जा रही है। यह अनुमान है कि केजरीवाल आगामी बैठक में विधायकों से वोटरों से सीधा जुड़ाव और आगामी चुनौतियों का सामना करने की रणनीति पर चर्चा कर सकते हैं।
गुरदासपुर के कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी पंजाब में मध्यावधि चुनाव की संभावनाओं पर जोर दिया है। रंधावा का कहना है, पंजाब को मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए। AAP के कम से कम 35 विधायक दल बदल के लिए तैयार हैं। दिल्ली में हुए परिणाम और पार्टी के भ्रष्टाचार से जुड़े आरोप – जैसे शराब घोटाले और धान खरीदी में न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे – जल्द ही खुलकर सामने आएंगे।
आने वाले दिनों में AAP की इन राजनीतिक हलचलों और दिल्ली में आयोजित होने वाली बैठक के परिणाम से यह देखा जाएगा कि पार्टी की रणनीति पंजाब में किस प्रकार से रंग लाती है।
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Now AAP is worried about Punjab! After this claim of Congress