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250 इंजीनियर, 3,400 मजदूर ,182 मीटर ऊंची,वजन 1700 टन, लागत 2989 करोड़, 57 लाख किलोग्राम स्टील, 33 महीने में हुई तैयार दुनिया की सबसे ऊंची सरदार पटेल की प्रतिमा, जानें स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की 15 बेहद खास बातें

 

 

 

 

अहमदाबाद (ब्यूरो):प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (बुधवार) गुजरात के नर्मदा जिले में केवडि़या स्थित सरदार सरोवर बांध से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर साधु द्वीप पर बनी सरदार वल्लभभाई पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी अब आसमान की शोभा बढ़ाएगी। आजाद भारत के पहले गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 143वीं जयंती पर इस प्रतिमा का अनावरण किया गया है।

आइए आपको बताते हैं इस प्रतिमा से जुड़े कुछ और भी रोचक तथ्य जो आपको यहां आने तक मजबूर कर देंगे।

◆इस प्रतिमा की लंबाई 182 मीटर है। इसे दुनिया की सबसे लंबी प्रतीमा घोषित किया गया है।

◆इस प्रतिमा को जमीन पर 7 किलोमीटर की दूरी से भी आसानी से देखा जा सकता है।

◆इस स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में दो लिफ्ट लगी हुई हैं। जिसके माध्यम से आप सरदार पटेल की प्रतिमा के छाती तक पहुंच सकते हैं। यहां से आप नर्मदा नदी के बांध का नजारा देख सकते हैं।

◆लौह पुरूष की इस इस प्रतिमा को देखने के लिए टूरिस्ट को 300 रूपये का भुगतान करना पड़ेगा।

◆इस प्रतिमा को बनाने के लिए देश भर के लोगों से लोहे को दान के रूप में लिया गया था। जिसके बाद इस प्रतिमा का निर्माण किया गया है।

◆ गुजरात सरकार ने पर्यटकों के लिए तीन सितारा होटल शॉपिंग सेंटर और रिसर्च सेंटर का निर्माण भी करवाया गया है। 

गुजरात सरकार ने सेल्फी लवर्स को भी ध्यान में रखा है और उनके लिए अलग से सेल्फी प्वाइंट भी बनाया है। इस प्वाइंट से आपको स्टैच्यू ऑफ यूनिटि के साथ फोटो लेने का बेहतरीन व्यू मिलेगा। रात को लेजर लाइट के साथ भी आप इस जगह से अपनी सेल्फी ले सकते हैं।

◆इस स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए अगर आप अहमदाबाद से आ रहे हैं तो आपको 20 किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ेगा।

◆आप इसे सुबह 9 से शाम 6 बजे के बीच किसी भी दिन देखने जा सकते हैं। आप इसके लिए ऑनलाइन बुकिंग भी कर सकते हैं

 

अब तक 153 मीटर ऊंची बुद्ध प्रतिमा के नाम अब तक सबसे ऊंची मूर्ति होने का रिकॉर्ड था. मगर सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा ने अब चीन में स्थापित इस मूर्ति को दूसरे स्थान पर छोड़ दिया है. 182 मीटर ऊंचे ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का आकार न्यूयॉर्क के 93 मीटर उंचे ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ से दोगुना है।

◆मूर्ति महज 33 माह के रिकॉर्ड कम समय में बनकर तैयार हुई है. जबकि स्प्रिंग टेंपल के बुद्ध की मूर्ति के निर्माण में चीन को 11 साल का वक्त लगा।

◆स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का कुल वजन 1700 टन है और ऊंचाई 522 फिट यानी 182 मीटर है. प्रतिमा अपने आप में अनूठी है. इसके पैर की ऊंचाई 80 फिट, हाथ की ऊंचाई 70 फिट, कंधे की ऊंचाई 140 फिट और चेहरे की ऊंचाई 70 फिट है.

◆सरदार पटेल की इस मूर्ति को बनाने में करीब 2,989 करोड़ रुपये का खर्च आया.

◆ इस स्मारक की आधारशिला  31 अक्तूबर, 2013 को पटेल की 138 वीं वर्षगांठ के मौके पर रखी गई थी, जब पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. इसके लिये बीजेपी ने पूरे देश में लोहा इकट्ठा करने का अभियान भी चलाया गया.

◆250 इंजीनियर, 3,400 मजदूरों ने तैयार की प्रतिमा

◆स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को बनाने में 5,700 मीट्रिक टन यानी करीब 57 लाख किलोग्राम स्ट्रक्चरल स्टील का इस्तेमाल हुआ. साथ ही 18,500 मीट्रिक टन छड़ भी इसमें लगा है । प्रतिमा को बनाने के लिए 2 करोड़ 25 लाख किलोग्राम सीमेंट का इस्तेमाल किया गया.