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दीपाक चौर रसीया और अखाड़ा के फर्जी बाबाओं के मुह पर कालिख पोथ दी इन दस हज़ार लड़कियों ने, माँ बाप ने दस हज़ार लड़कियां भेजी बापू जी के आश्रम. कुप्रचारकों के मुहं पर करारा तमाचा, हिन्दू संत के कुप्रचार के लिए खर्चे एक हज़ार करोड़ हुए बर्बाद, ख़बर पढ़नें के लिए नीचे जाएं.…..

अमन बग्गा- 【चीफ एडिटर – PUNJAB LIVE NEWS (PLN)】

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अमन बग्गा की कलम से……………..⇓⇓⇓⇓

PLN न्यूज़ –  बापू जी के शिष्य बहकाए नही जाते ,कदम रख दे आगे तो फिर लौटाए नही जाते।

ये वाक्य सच होता तो भले ही मेरे समेत लाखों करोड़ों बापू जी के साधकों ने देखा होगा मगर निंदक खबर के नीचे दी गई तस्वीरों को देख लेंगे तो उन की आंखे फ़टी की फटी रह जाएगी। 

दिवाली पर संत श्री आशाराम बापू आश्रम अहमदाबाद में देश भर से तकरीबन दस हज़ार लड़कियां सारस्वत्य मंत्र अनुष्ठान की साधना करने के लिए शामिल हुई इस के साथ साथ हज़ारो की तादाद में लड़कों ने भी सात दिवसीय मंत्र अनुष्ठान शिविर में भाग लिया। और यहां किया क्या – योग प्राणायाम रोज एक बच्चें द्वारा तकरीबन 180 माला सारस्वत्य मन्त्र जप, सत्संग श्रवण, त्रिकाल संध्या आदि।

इतने कुप्रचार के बावजूद देश भर में फैले बापू जी भक्तों की आस्था हिमालय की तरह अडिग है। हज़ारों की संख्या में लड़कियों का आश्रम में लगातार 7 दिन तक ठहर कर साधना करना बापू जी के कुप्रचारकों और निंदकों के मुहं पर बहुत बड़ा तमाचा है। खास कर अखाड़ा के उन महा मंडलेश्वरो महंतों बाबाओ को देश की बेटियों का करारा जवाब है जो बापू जी के संतत्व पर उंगलियां उठाते फिरते है। 

वही दूसरी और बापू जी का घोर निंदक दीपाक चौर रसीयाया उर्फ दीपाक चोर उर्फ कलयुगी राक्षस

हिन्दू सन्तों के खिलाफ जहर उगलने वाले इस दीपक चौर के खिलाफ जितनी भद्दी भाषा का प्रयोग किया जाए उतना कम है।

क्यों कि ये कलयुगी राक्षस हिन्दू सन्तों के खिलाफ कितनी नीच भद्दी और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करता है जिसे सुनने के बाद आत्मा कराह उठती है। इसे केवल हिन्दू साधु संत ही नजर आते है। बलात्कारी बिशप पादरी मौलाना नजर नही आते।

दीपाक चोर को अहमदाबाद में हज़ारों बच्चों की भीड़ को देखकर बौखलाहट अवश्य पैदा हुई होगी। बच्चों की श्रद्धा और बापू के बहादुर साधकों की सेवा ने दीपक जैसे चोरों के मुंह पर कालिख पोथ दी है। अनर्गल कुप्रचार कर दिन रात भोंकने वाली मीडिया को क्या ये नजर नही आ रहा कि हजारों की तादाद में बच्चियां बापू जी के आश्रम में साधना कर रही है।

कुप्रचारक भले ही कुछ समय के लिए खुश हो कि संत श्री आशाराम बापू को फर्जी केस में फंसा कर सजा करवा दी है।

मगर उन को ये भी याद रखना चाहिए कि समुन्द्र की लहरें जितनी तेजी से समुंदर के नीचे जाती है उतनी तेजी से समुंदर के ऊपर भी आती है। सूर्य अस्त होने का मतलब ये नही की दोबारा सूर्य उदय नही होगा।

सत्य को कभी पराजित नही किया जा सकता । सत्य की जीत तो होकर ही रहेगी। बाकी इस हिन्दू संत के देवी कार्य पहले से अधिक तेज गति से निरंतर चल रहे है। और अभी तो ये हिन्दू संत जेल में है तब इतनी बच्चियां जीवन साधनामय बनाने के लिए आश्रम आ रही है । जब ये संत निर्दोष छूट कर आएंगे तब तो लाखों की भीड़ उमड़ेगी तब अखाड़े वाले और दीपाक जैसे चोर खुद का सर पटकेगें । 

आप को बता दें कि इस शिविर में सम्मिलित होने के लिए गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, ओड़िशा, पं. बंगाल, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, झारखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों के छात्र-छात्राएँ भारी संख्या में अहमदाबाद पहुँचे

शिविर में साध्वी रेखा बहन और स्वामी वासुदेवानंद जी द्वारा विद्यार्थियों को मार्गदर्शन दिया गया । योगासन तथा बौद्धिक व शारीरिक उन्नति में सहायक यौगिक प्रयोग व सूक्ष्म क्रियाओं का प्रशिक्षण विद्यार्थियों को दिया गया ।

विद्यार्थियों को व्यावहारिकता के साथ-साथ आध्यात्मिक ज्ञान के साथ-साथ भारतीय संस्कृति का महत्व भी बताया दिया गया ।

विद्यार्थियों की बहुमुखी प्रतिभा के विकास के लिए भजन-कीर्तन, गायन, वक्तृत्व, खेल आदि स्पर्धाएँ, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विषयों पर प्रश्नोत्तरी, लिखित व मौखिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है ।

इसके साथ ही शिविर में मौजूद एक शिविरार्थी बहन ने आकर्षक जादू दिखाकर बच्चों का मनोरंजन किया ।

सभी विजेताओं को अंतिम दिन पुरस्कृत किया जायेगा । इस शिविर में लगायी गयी बाल संस्कार प्रदर्शनी बच्चों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है ।

हाँलाकि शिविरार्थियों के हृदय में अपने गुरुदेव संत श्री आशारामजी बापू के प्रत्यक्ष दर्शन न होने की वेदना झलकती है परंतु साथ-ही-साथ उन्हें पूरा भरोसा है कि बापूजी निर्दोष हैं और वे शीघ्र ही उनके बीच पधारेंगे।

तस्वीरें देखें-⇓⇓⇓

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