You are currently viewing सूर्यदेव की उपासना का पर्व छठ पूजा 11 नवंबर से होगी शुरू.जानें शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि

सूर्यदेव की उपासना का पर्व छठ पूजा 11 नवंबर से होगी शुरू.जानें शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि

छठ पूजा सनातन धर्म का एक प्रमुख पर्व है। छठ पूजा सूर्यदेव की उपासना का पर्व है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की खष्ठी को छठ पूजा की जाती है। चार दिनों तक यह पर्व चलता है। सूर्य उपासना का यह महापर्व सूर्य को प्रसन्न करके संतान की मनोकामना तथा कुशलता हेतु मनायी जाती है।

छठ देवी सूर्य की बहन हैं लेकिन छठ व्रत कथा के अनुसार छठ देवी ईश्वर की पुत्री देवसेना बताई गई हैं। देवसेना प्रकृति की मूल प्रवृति के छठवें अंश से उत्पन्न हुई हैं। देवी कहती हैं कि यदि तुम योग्य संतान चाहते हो तो मेरी विधिवत पूजा करो। इस बार छठ का यह पर्व 11 नवंबर को नहाय-खाय से शुरू होगा और 14 नवंबर को समाप्‍त होगा।

जानिए छठ पर्व का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्‍या है…

 

पूजा की तिथि तथा मुहूर्त-
13 नवंबर 2018, मंगलवार के दिन षष्ठी तिथि का आरंभ 01:50 मिनट पर होगा जिसका समापन 14 नवंबर 2018, बुधवार के दिन 04:21 मिनट पर होगा।

ये हैं छठ पूजा के 4 दिन एवं पूजा विधि- 

1. पहला दिन नहाय खाय
कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को यह व्रत आरंभ होता है। इसी दिन व्रती स्नान करके नए वस्त्र धारण करते हैं।

2. दूसरा दिन खरना
कार्तिक शुक्ल पंचमी को खरना बोलते हैं। पूरे दिन व्रत करने के बाद शाम को व्रती भोजन करते हैं।

 

3. षष्ठी
इस दिन छठ पूजा का प्रसाद बनाते हैं। इस दिन ठेकुआ या टिकरी बनाते हैं। प्रसाद तथा फल से बाँस की टोकरी सजाई जाती है। टोकरी की पूजा कर व्रती सूर्य को अर्ध्य देने के लिए तालाब, नदी या घाट पर जाते हैं और स्नान कर डूबते सूर्य की पूजा करते हैं।

4. सप्तमी
सप्तमी को प्रातः सूर्योदय के समय विधिवत पूजा कर प्रसाद वितरित करते हैं।