पंजाब सरकार को बड़ा झटका. अकाली नेता ब्रिकम सिंह मजीठिया को मिली अग्रिम जमानत
मजीठिया ड्रग्स मामले में पंजाब सरकार को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. इस बीच कोर्ट ने बिक्रम सिंह मजीठिया की अग्रिम जमानत की याचिका को मंजूर कर लिया है. साथ ही साथ उन्हें बुधवार तक गिरफ्तारी से राहत देने और जांच में शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं. पंजाब सरकार की ओर से पी चिदंबरम और मजीठिया की ओर से सीनियर वकील मुकुल रोहतगी में हुई तीखी बहस हुई है. बहस के बाद मजीठिया को अग्रिम जमानत दे दी गई है.
शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने अग्रिम जमानत के लिए 27 दिसबंर को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया था. मजीठिया ने अपने वकीलों, दमनबीर सिंह सोबती और अर्शदीप सिंह चीमा के मार्फत हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया कि ‘याचिकाकर्ता को निशाना बनाना पंजाब में कांग्रेस नीत मौजूदा सरकार का एक बड़ा चुनावी मुद्दा है.’
मोहाली की एक कोर्ट ने पिछले साल 24 दिसंबर को मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. पंजाब में मादक पदार्थ गिरोह की जांच के संबंध में 2018 की एक रिपोर्ट के आधार पर पिछले हफ्ते, मजीठिया (46) के खिलाफ स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था.
मजीठिया, एसएडी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के साले और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई हैं. मजीठिया ने अपने खिलाफ लगाए गए गए आरोपों से पूर्व में इनकार किया है. एसएडी ने मजीठिया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया. हालांकि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा था कि उनकी सरकार किसी भी मादक पदार्थ तस्कर को बचकर जाने नहीं देगी और बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ मामले में कानून अपना काम करेगा. जहां तक मजीठिया के खिलाफ मामले का संबंध है तो इसमें कोई ”राजनीतिक प्रतिशोध” नहीं है.