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गुलाबी नोटां दा कमाल! भृष्ट अधिकारी जिस दे नाल – ओ कॉलोनाइजर किवें ना होण मालामाल,?? जालंधर के इस गांव में काटी गई अवैध कॉलोनी पर JDA की इतनी मेहरबानी क्यों ? कब होगा एक्शन, ?जागो मुख्यमंत्री चन्नी साहिब….. , गहरी नींद सो रहे विजिलेंस विभाग को जगाओ

 

जालंधर(अमन बग्गा) जेडीए के अंडर में पड़ता एरिया अवैध कॉलोनियों के मकड़जाल में बुरी तरह फसा पड़ा हैं। बिना कॉलोनी पास करवाये धड़ल्ले से अवैध कॉलोनियां बनना और कोई कार्रवाई न करना जेडीए का इतिहास है।
हालांकि कुछेक कॉलोनियों पर डिच चलाकर व कुछ कॉलोनाइजरो पर एफआईआर दर्ज कर जेडीए अधिकारी खानापूर्ति सी जरूर कर रहे है।

लेकिन जेडीए के कुछेक अधिकारियों की मेहरबानी से अवैध कॉलोनी काटने वाले कॉलोनाइजर रूल एंड रेगुलेशन की धज्जियां उड़ाते हुए मोटी कमाई कर करोड़पति बन चुके है। अब तो शहर में यह चर्चा भी जोरों शोरों पर है कि जिस दे नाल कुछ भृष्ट अधिकारी हो वो अधिकारी भी मालामाल और कॉलोनाइजर भी।

इसी लिए तो तो कॉलोनी मालिक को न तो जेडीए के सीनियर अधिकारियों का कोई डर है
न तो इन को पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी साहिब का कोई डर है ।

गांव नाहलां के पास काटी गई अवैध इंडस्ट्रियल कालोनी 

अब इसी कड़ी में एक और कॉलोनाइजर ने गांव नाहलां के पास अवैध इंडस्ट्रियल कालोनी काट डाली है। यह अवैध कॉलोनी नाहलां से चमियारा की तरफ जा रही रोड पर गांव नाहलां के नजदीक काटी गई है।

हालांकि जब PLN की टीम ने गांव नाहलां में बनी अवैध कॉलोनी के बारे में जेडीए अधिकारियों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि हम जल्द ही कार्रवाई करेंगे।

अब देखना यह दिलचस्प होगा कि जेडीए की तरफ से अवैध कॉलोनी को तहसनहस करने के लिए पीला पंजा पहुंचता है और कॉलोनाइजर पर कार्रवाई होती है या नही।

पर्दे के पीछे कौन सा अधिकारी दे रहा संरक्षण

मगर जांच का विषय यह है कि जेडीए अधिकारी आखिर किस बात की इतनी मोटी तनख्वाह ले रहे है क्या उन्हें धड़ल्ले से काटी जा रही अवैध कॉलोनियां दिखाई नही देती क्या। आखिर जेडीए के कौन कौन से अधिकारियों की छत्र छाया और संरक्षण की बदौलत अवैध कॉलोनियां बन रही है।

आखिर इस अवैध कॉलोनी पर अब तक इतना रहम क्यों किया गया आखिर इस के पीछे जेडीए के अधिकारियों की नालायकी है या फिर कोई रिश्वतख़ोरी का खेल चला है। यह हम जल्द ही उजागर करेंगे और बताएंगे इस के पीछे पूरा संरक्षण देने वाला असली चेहरा किस का है।

आखिर कुंभकर्ण नींद से कब जागेगा विजिलेंस विभाग

वही दूसरी और विजिलेंस अधिकारियों को जेडीए के अधिकारी नजर क्यों नही आते । उन्हें भी जांच करनी चाहिए कि इस अवैध कॉलोनी को काटने के लिए किन अधिकारियों की जेबों में गुलाबी नोट डाले गए है। जो कि उन्हें अवैध कॉलोनी नजर आनी बन्द हो गयी है।
विजिलेंस को जेडीए अधिकारियों की आय व सम्पति की जांच करनी चाहिए। क्या कुछ दाल में काला है या पूरी दाल ही काली हो चुकी है।