सलून चलाने वाले अजमल खान ने अपना नाम अजय बताकर MBA की छात्रा को प्रेम जाल में फंसाकर रचाई शादी. तीनों भाईयों और दोस्त ने किया गैंगरेप. अफजल खान बोला – यह तो मुह दिखाई की रस्म थी
इस खबर को सभी लोग, खासकर लड़कियां जरूर पढ़ें जो ये कहती हैं कि लव जिहाद हिन्दू संगठनों का एक प्रोपगेंडा मात्र है, हकीकत में लव जिहाद कुछ नहीं होता है.
सैलून का वो अजमल खान हेयर ड्रेसर सभी को अपना नाम अजय बताता था तथा कूल ड्यूड स्टाइल में रहता था. इसी दौरान एक हिन्दू युवती को उसने प्रेमजाल(लव जिहाद) में फंसाया तथा बांद्रा कोर्ट के ले गया. वहां जब शादी के कागज बने तो युवती दंग रह गई. दरअसल वो अजय नहीं बल्कि अजमल था. वहां अजमल ने जबरन इस्लामिक तरीके से शादी की.इसके बाद उस हिन्दू युवती के साथ अजमल ने जो किया, उसे जानकर आपके रौंगटे खड़े हो जायेंगे
शादी के बाद अजमल खान युवती को घर ले गया तथा वहां मुंह दिखाई की रस्म के रूप में उसके साथ अपने भाई तथा दोस्तों के साथ गैंगरेप किया. युवती की शिकायत पर वाशी पुलिस ने गैंगरेप का मामला दर्ज कर पति अजमल रईस खान, भाई अफसर रईस खान और शानू इतखार खान एवं दोस्त मकसूद रफीक अहमद को गिरफ्तार किया है.
ऐसे फसाया MBA की छात्रा को अपने जाल में
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़, मुंबई के वाशी के शॉपिंग मॉल में यूनिसेक्स सैलून में हेयर ड्रेसर के रूप में काम करने वाले आरोपी अजमल खान की पहचान एमबीए पास और खुद का बिजनेस करने वाली हिंदू युवती से एक वर्ष पहले हुई थी. दोनों की यह पहचान उस समय हुई, जब युवती अपना बाल ठीक कराने उसके सैलून में आई थी. उस समय अजमल खान ने उस लड़की को अपना नाम अजय बताया था. युवती के हाई-फाई पहनावे को देखकर अजय ने उसका मोबाइल नंबर जानने के लिए सैलून की सर्विस और आने वाले ऑफर की जानकारी देने के लिए उससे एक फॉर्म भरवाया.
फॉर्म के जरिए युवती का मोबाइल नंबर हासिल करने के बाद अजय ने घने बालों के ट्रीटमेंट को लेकर उसे फिर सैलून में आने का न्योता दिया, इस न्यौते पर युवती दोबारा सैलून गई. बाल के ट्रीटमेंट के लिए युवती अजय के बुलावे पर बार-बार सैलून जाने लगी. अपने बालों पर युवती द्वारा हजारों रुपए खर्च करता देखकर अजय ने उसे अपने प्रेम जाल में फंसाने की ठान ली. अजय की अच्छी-अच्छी बातों से प्रेरित युवती ने पहले दोस्ती की और बाद में यह दोस्ती प्यार में बदल गई. इस बीच अजय ने कभी अपनी असलियत पीड़ित युवती के सामने नहीं बताई. युवती अजय के प्रेमजाल में इतना फंस गई कि उसने कारोबार करने के लिए उसे लाखों रुपए तक दे दिए.
इस दौरान दोनों में प्रेम इतना पनप चुका था कि युवती ने अजय पर शादी का दबाव बनाना शुरू कर दिया. इसके बाद अजय ने शादी के लिए उसको चुपके से बांद्रा कोर्ट में बुलाया. वहां युवती को अजय के मुस्लिम होने की बात पता चली. पुलिस को दिए गए बयान में पीड़ित युवती ने बताया कि अजय ने उससे रजिस्टर्ड मैरिज नहीं की है. युवती ने बताया कि वह विरोध करती रही, लेकिन अजय ने साजिश के तहत एक मौलवी से निकाह पढ़वाया. इसके बाद युवती जब ससुराल पहुंची तो उस पर भयानक अत्याचार और शोषण किया गया.
शादी के कुछ दिन तक दोनों में सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा. कुछ दिन बाद से ही अजमल खान ने पीड़ित युवती से 15 लाख रुपए की मांग करने लगा. साथ ही मामूली सी बातों को लेकर उसे प्रताड़ित करने लगा. शादी के बाद नवविहित दुल्हन को मुंह दिखाई में पैसे, गहने और अन्य गिफ्ट मिलते है, लेकिन अजमल खान के घर जाने के बाद पीड़ित युवती को गिफ्ट में गैंगरेप मिला. लव जिहाद में फंसाने के बाद अजय उर्फ अजमल खान ने अपने घर पर पीड़ित युवती का शोषण करना शुरू कर दिया, उसे खाना देना बंद कर दिया, उसका घर से बाहर जाना बंद करवा दिया।
सबसे ज्यादा हद तो तब हुई जब अजमल ने एक साजिश के तहत मुंह दिखाई की रस्म की आड़ में अपने भाइयों को वाशी में अपने घर बुलाया. पुलिस को दिए गए अपने बयान में पीड़ित युवती ने बताया कि मुंह दिखाई रस्म की पार्टी में कोल्डड्रिंक में मिलाकर उसे नशे की दवा दी गई. बेहोशी की हालत में अजमल के दोनों भाई शानू और अफसर ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया. पीड़ित युवती को अपने साथ हुए गलत काम का एहसास दूसरे दिन हुआ. उधर, अजमल ने उसे इस मामले में डरा रखा था. शोषण से हताश होकर पीड़ित युवती के अलग होने के बाद भी अजमल के भाई दोबारा उसे मनाने के लिए उसके घर आए.
वहां भी उन्होंने साजिश के तहत उसे कोल्ड्रिंक पीने के लिए मजबूर किया. बेहोशी का फायदा उठाकर दोनों ने उसे दोबारा अपनी हवस का शिकार बनाया. दोनों भाइयों के अलावा अजमल के दोस्त मकसूद ने भी पड़िता को अपनी हवस का शिकार बनाया. इससे परेशान युवती ने वाशी पुलिस स्टेशन में गैंगरेप की शिकायत दर्ज कराई. पीड़ित युवती ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पुलिस महासंचालक से लिखित रूप से की है.
पीड़ित युवती की एड सिद्ध विद्या ने बताया की कोर्ट में आरोपियों को पेश किए जाने पर कोई जांच अधिकारी मौजूद नहीं होने के कारण कोर्ट ने उन्हें मजिट्रेट कस्टडी में भेजा है. जब की कोर्ट में जांच अधिकारी को मौजूद रहना चाहिए थे. अगर आरोपियों के तरफ से जमानत के लिए आवेदन किया गया तो हम इसका विरोध करेंगे और अधिकारियो द्वारा किए गए लापरवाही की जानकारी कोर्ट को देंगे.