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Zomato जबरदस्ती करवा रहा गौमांस और सूअर के मांस की डिलीवरी, सड़कों पर उतरे हिन्दू मुस्लिम डिलीवरी मैन. हड़ताल जारी

पश्चिम बंगाल के हावड़ा में ऑनलाइन खाना डिलीवर करने वाली कंपनी जोमैटो के फूड डिलीवरी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। उनका आरोप है कि कंपनी उनकी इच्छा के विरुद्ध उनको बीफ (गोमांस) और पोर्क (सूअर का मांस) डिलीवर करने के लिए मजबूर कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके विरोध में वो पिछले एक सप्ताह से हड़ताल पर हैं।

फूड डिलीवरी कर्मचारियों का कहना है कि वे किसी भी हाल में बीफ और पोर्क की डिलीवरी नहीं करेंगे। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि उन्हें बीफ और पोर्क पहुँचाने के लिए मजबूर किया जाता है। मना करने पर उन्हें धमकी दी जाती है और कहा जाता है कि किसी भी हाल में ऑर्डर रद्द नहीं किया जाएगा। उनसे जबरदस्ती काम कराया जा रहा है, जो कि उन्हें मंजूर नहीं है, इसलिए वो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उन्होंने बकरीद के मौके पर बीफ या पोर्क की डिलीवरी करने से मना करते हुए कहा कि इससे उनकी धार्मिक भावना आहत होती है।

डिलीवरी स्टाफ ने कंपनी से उनकी धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ न करने की माँग करते हुए वेतन बढ़ाने की भी बात कही है। इसके लिए हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही समुदाय के डिलीवरी ब्वॉय हड़ताल पर चले गए। दोनों समुदाय के स्टाफ का कहना है कि वो अपनी धार्मिक मान्यता के खिलाफ जाकर फूड डिलीवर नहीं करेंगे।

जोमैटो में ऑर्डर की डिलीवरी करने वाले मौसीन अख्तर ने इस बारे में बात करते हुए कहा, “हाल ही में कंपनी के एप से कुछ मुस्लिम रेस्तरां भी जोड़े गए हैं, लेकिन हमारे यहाँ ऑर्डर डिलीवरी करने वाले कुछ लड़के हिन्दू समुदाय से भी आते हैं, इन्होंने बीफ फूड की डिलीवरी करने से इनकार कर दिया है, कुछ दिनों में हमें पोर्क की भी डिलीवरी देनी पड़ेगी, लेकिन हम इसकी डिलीवरी नहीं करेंगे।”

मौसीन का कहना है कि ये सारी घटनाएँ कंपनी में हिन्दू-मुसलमानों के बीच भाईचारे की भावना को भी प्रभावित कर रही हैं। उसने आरोप लगाया है कि कंपनी को सब कुछ पता है लेकिन कंपनी उनकी मदद करने के बजाय उनके ऊपर ही झूठे आरोप लगा रही है। इसके साथ ही मौसीन ने वेतन से जुड़ी समस्याओं के बारे में भी बताया और कहा कि वहाँ मोडिकल सुविधाएँ भी नहीं दी जाती हैं।

पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री और टीएमसी विधायक राजीब बनर्जी ने इस मामले में जाँच का भरोसा दिया है।राजीब बनर्जी ने कहा, “मुझे भी लगता है कि जो कंपनी ऐसा कर रही है कि उसे एक बार फिर से सोचना चाहिए, उन्हें किसी भी धर्म के स्टाफ को उसके विश्वास के खिलाफ चलने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए, ये बहुत गलत है, हमें ऐसे कदम की जानकारी नहीं है, चूँकि हमसे इस बारे में संपर्क किया गया है इसलिए इस बाबत हम कार्रवाई करेंगे।”