जालंधरः जालंधर स्थित पंजाब प्रैस क्लब में आज सुबह साढ़े 11 बजे World Press Freedom Day मनाया जा रहा है। पंजाब प्रैस क्लब के अध्यक्ष लखविंदर सिंह जोहल के अनुसार डॉ. परमिंदर सिंह, डॉ. कमलेश सिंह दुग्गल, प्रो. कुलबीर सिंह समेत कई विद्वान प्रेस एंड डेमोक्रेसी विषय पर अपने विचार रखेंगे। अगर आप भी इस सैमिनार में शामिल होना चाहते है तो आपको खुला निमंत्रण है।
कब हुई वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे की शुरुआत ?
प्रत्येक वर्ष 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यूनेस्को महासम्मेलन की अनुशंसा के बाद दिसंबर 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 मई को प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने की घोषणा की। तब से 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रा दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य प्रेस की आजादी के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है और साथ ही ये दिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने और उसका सम्मान करने की प्रतिबद्धता को भी दोहराता है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार इस दिन प्रेस की स्वतंत्रता के सिद्धांत, प्रेस की स्वतंत्रता का मूल्यांकन, प्रेस की स्वतंत्रता पर बाहरी तत्वों के हमले से बचाव और प्रेस की सेवा करते हुए दिवंगत हुए संवादाताओं को श्रधांजलि देने का दिन है।
क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे?
दुनिया भर के कई देश पत्रकारों और प्रेस पर अत्याचार करते हैं। मीडिया संगठन या पत्रकार अगर सरकार की मर्जी से नहीं चलते हैं तो उनको तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता है। मीडिया संगठनों को बंद करने तक के लिए मजबूर किया जाता है। उनको आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं जैसे उन पर जुर्माना लगाना, आयकर के छापे, विज्ञापन बंद करना आदि। संपादकों, प्रकाशकों और पत्रकारों को डराया-धमकाया जाता है। उनके साथ मारपीट भी की जाती है। अगर इससे भी वे बाज नहीं आते हैं तो उनकी हत्या तक करा दी जाती है। ये चीजें अभिव्यक्ति की आजादी के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा है। इन चीजों को ध्यान में रखते हुए दुनिया भर में प्रेस की आजादी का दिन मनाया जाता है। इस मौके पर नागरिकों को बताया जाता है कि कैसे प्रेस की आजादी को छीना जा रहा है। साथ ही सरकारों को भी जिम्मेदार बनने के लिए प्रेरित किया जाता है।
कैसे मनाया जाता है?
इस अवसर पर तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है। पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली शख्सियतों को सम्मानित किया जाता है। स्कूल, कॉलेज, सरकारी संस्थानों और अन्य शैक्षिक संस्थानों में प्रेस की आजादी पर वाद-विवाद, निबंध लेखन प्रतियोगिता और क्विज का आयोजन किया जाता है। लोगों को अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार से अवगत कराया जाता है।