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HMV कॉलीजिएट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ध्वनि प्रदूषण पर वर्कशाप आयोजित

जालंधर (अमन बग्गा): ध्वनि की मात्रा वातावरण में बढऩे से, जीवित प्राणियों के लिए खतरा बढ़ जाता है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए छात्राओं को ध्वनि के बढ़ रहे स्तर के प्रति जागरूक करने के लिए एचएमवी कॉलीजिएट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ध्वनि प्रदूषण पर एक वर्कशाप का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बतौर रिसोर्स पर्सन प्रो. एम.पी. सिंह, प्रो.बेरी व दिव्या प्रभाकर (साफ्टवेयर इंजीनियर) उपस्थित थे। प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन व कोआर्डिनेटर मीनाक्षी स्याल ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने कहा कि वातावरण से संबंधित मुद्दों जैसे जल बचाओ, वायु प्रदूषण व ध्वनि प्रदूषण आदि के बारे में युवा वर्ग को संवेदनशील बनाना अति आवश्यक है।

प्रो. एम.पी. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि अप्रिय ध्वनियां वातावरण के प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ देती है। सामाजिक गतिविधियों के दौरान सर्वोच्च स्तर पर पैदा की जा रही आवाज पर रोक लगाने के लिए जागरूकता पैदा करना ही एकमात्र हल है। हमें ध्वनि के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करना होगा।

उन्होंने बताया कि आवाज का जायज स्तर 7 डेसिबल होता है। कोआर्डिनेटर श्रीमती मीनाक्षी स्याल ने भी ध्वनि प्रदूषण के प्रति जागरूकता पैदा करने पर जोर दिया तथा कहा कि इस पर काबू पाने के लिए युवा वर्ग को पूरी तैयारी के साथ आगे आना होगा। इस अवसर पर छात्राओं ने ध्वनि प्रदूषण को हर प्रकार से कम करने की कोशिश की शपथ ली। छात्राओं ने इस बात की भी शपथ ली किर वह लोगों को ध्वनि के प्रदूषण के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक रहेंगे तथा शांतिपूर्ण समाज की स्थापना करेंगे।