संगरूर: पंजाब में गन्ना किसानों के बकाया का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। किसानो का संघर्ष तो पहले से ही जारी है लेकिन आज किसानों का गुस्सा इस कदर बढ़ गया है कि प्रदर्शन कर रहे चार किसान पेट्रोल और सल्फास की गोलियां लेकर एसडीएम ऑफिस पर चढ़ गए। बड़ी संख्या में किसानों ने एसडीएम आवास को घेर लिया है और दफ्तर के आगे धरना लगाकर बैठ गए है। इस रोष प्रदर्शन पर एसडीएम ने किसानों को नोटिस जारी किया है।
इस मामले पर आप की तरफ से विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने बयान जारी कर धूरी के एसडीएम की तरफ से क्षेत्र में रोष प्रदर्शन कर रहे किसानों को नोटिस भेजने की कार्रवाई की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह तानाशाही कार्रवाई है और ऐसा कर सरकार किसानों के बोलने की आजादी पर रोक लगाने का कार्य कर रही है। चीमा ने आरोप लगाया कि निजी शक्कर मिल मालिकों को बचा कर सरकार किसानों और खेत मजदूरों के साथ धोखा कर रही है।
पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार भी पिछली बादल सरकार की तरह किसान और अन्य वर्गों की उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम साबित हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन भी शक्तिशाली नेताओं के खिलाफ कार्यवाही करने से बचते नजर आ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की शक्कर मिलों पर कांग्रेसी और अकाली-भाजपा नेताओं का कब्जा होने के कारण किसानों को उनकी अदायगी होने में देरी हो रही है।