नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा, ‘आप अपनी ड्यूटी निभाने में बुरी तरह विफल रहे हैं।’ जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि कृपया सुनिश्चित करें कि अब कोई स्टबल बर्निंग नहीं हो। जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि नियमों और कानूनों का उल्लंघन करने पर किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा।
उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि इस साल भी यह (पराली जलना) होगा। सरकार पहले से तैयार क्यों नहीं थी और मशीनें क्यों नहीं दी गईं? ऐसा लगता है कि पूरे साल कोई कदम नहीं उठाया गया। अगर आपके पास कोई प्लान नहीं है तो आपको कुर्सी पर रहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने सचिव से कहा, ‘आज आपको निलंबित कर दिया जाएगा।’ सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए पंजाब को 7 दिनों का समय दिया है। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने वायु प्रदूषण मामले की सुनवाई की।
जस्टिस मिश्रा ने कहा, ‘हम स्टबल बर्निंग से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई चाहते हैं। ऐसा लगता है कि इस स्थिति से निपटने के लिए अधिकारियों और राज्य सरकार के बीच कोई समन्वय नहीं है।’ उन्होंने ने पंजाब के मुख्य सचिव से पूछा, ‘क्या आपके पास फंड है? यदि आप नहीं करते हैं, तो कृपया हमें बताएं, हम आपको स्टबल बर्निंग के मुद्दे से निपटने के लिए फंड प्रदान करेंगे।’ दरअसल मुख्य सचिव ने कहा कि मेरे राज्य में राजकोषीय तनाव बहुत ज्यादा है।
कोर्ट ने प्रदूषण को लेकर कहा, ‘सरकारी तंत्र पराली जलने पर रोक क्यों नहीं लगा सकता? पराली जलाना समाधान नहीं है। सरकार किसानों से पराली एकत्र क्यों नहीं कर सकती या उसे खरीद क्यों नहीं सकती? हम देश की लोकतांत्रिक सरकार से पराली जलाने तथा प्रदूषण पर रोक लगाने के मुद्दे से निपटने में और कदमों की उम्मीद करते हैं।’