You are currently viewing NIA कोर्ट का बड़ा फैसला, समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में स्वामी असीमानंद सहित सभी आरोपित बरी, जानें क्या था पूरा मामला

NIA कोर्ट का बड़ा फैसला, समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में स्वामी असीमानंद सहित सभी आरोपित बरी, जानें क्या था पूरा मामला

पानीपत : करीब 12 साल पुराने हरियाणा के जिले पानीपत में हुए समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट के मामले में एनआईए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पाकिस्तानी महिला राहिला की उस याचिका को खारिज कर दिया है। साथ ही इस मामले में असीमानंद सहित चारों मुख्यारोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी महिला वकील ने याचिका में यह कहा था कि उनके पास घटना से जुड़े कुछ और सबूत और गवाह हैं, जिन्हें कोर्ट के अंतिम फैसले से पहले कोर्ट के सामने रखना चाहते हैं। लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसके लिहाजन अब पाकिस्तानी गवाहों को गवाही देने का मौका नहीं मिलेगा।

जानें क्या था पूरा मामला

भारत-पाकिस्तान के बीच सप्ताह में दो दिनों चलनेवाली समझौता एक्सप्रेस में 18 फ़रवरी 2007 में बम धमाका हुआ जिसमें 68 लोगों की मौत हो गई. 12 लोग घायल हुए. ट्रेन उस रविवार दिल्ली से लाहौर जा रही थी. मारे जानेवालों में ज़्यादातर पाकिस्तानी नागरिक थे.

फ़रवरी 2007: 19 फ़रवरी को दाख़िल पुलिस एफ़आईआर के मुताबिक़ 18 फरवरी 23:53 बजे दिल्ली से क़रीब 80 किलोमीटर दूर पानीपत के दिवाना रेलेव स्टेशन के पास ट्रेन में धमाका हुआ. इसकी वजह से ट्रेन के दो जनरल कोच में आग लग गई. यात्रियों को दो धमाकों की आवाज़ें सुनाई दी जिसके बाद ट्रेन के डिब्बों में आग लग गई.

मारे जाने वाले 68 लोगों में 16 बच्चे शामिल थे. मृतकों में चार रेलवेकर्मी भी शामिल थे. बाद में पुलिस को घटनास्थल से दो ऐसे सूटकेस बम मिले जो फट नहीं पाये थे.

20 फरवरी, 2007: प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर पुलिस ने दो संदिग्धों के ‘स्केच’ जारी किए. ऐसा कहा गया कि ये दोनों ट्रेन में दिल्ली से सवार हुए थे और रास्ते में कहीं उतर गये जिसके बाद धमाका हुआ.