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Surya Grahan: देश के अलग-अलग शहरों में दिखा अद्भुत नजारा, ‘रिंग ऑफ फायर’ की तरह नजर आया सूर्य

नई दिल्ली: 2019 का सबसे बड़ा और आखिरी सूर्य ग्रहण आज देखने को मिला। इससे पहले इस साल 6 जनवरी और 2 जुलाई को आंशिक सूर्यग्रहण लगा था। यह सूर्य ग्रहण को देश के दक्षिणी भाग में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के हिस्सों में दिखाई दिया जबकि देश के अन्य हिस्सों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई दिया। दरअसल कहीं बादल तो कहीं साफ आसमान में सूरज पर ग्रहण का नजारा देखने को मिला। देश के कई हिस्सों में सूर्य ग्रहण का खूबसूरत नजारा दिखना शुरू हो गया। इसके अलावा दुबई से भी ग्रहण की ताजा तस्वीरें सामने आई हैं। यहां सूरज रिंग ऑफ फायर की तरह नजर आ रहा है। यह सूर्य ग्रहण 11.05 तक खत्म हो गया। दुबई में भी सूर्य ग्रहण का नजारा बेहद खूबसूरत दिखाई दिया।

सूर्य ग्रहण को देखने के संबंध में नासा ने चेतावनी जारी की है। नासा ने कहा है कि यह सूर्य ग्रहण जितना सुंदर होगा, उतना ही खतरनाक भी होगा, इसलिए सूर्य ग्रहण के दौरान नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण की तरफ न देखें। यही नहीं इसको देखने के समय विशेष सावधानी बरतें। खासकर सूर्य ग्रहण के दौरान आपके पास चश्मा होना चाहिए। इसके अलावा अगर आप फोटोग्राफ लेना चाहते हैं तो आपके पास सोलर फिल्टर्स होने चाहिए। दरअसल कहा जाता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान इससे खास तरह की किरणें निकलती हैं जो हमारी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

इस ग्रहण को सीधे आंखों से देखने से बचें। ये सूर्य ग्रहण धनु राशि और मूल नक्षत्र में बनेगा इसलिए व्यक्तिगत रूप से धनु राशि और मूल नक्षत्र में जन्मे लोगों पर इस ग्रहण का विशेष प्रभाव पड़ेगा। इसलिए धनु राशि के लोगों को सूर्य ग्रहण नहीं देखना चाहिए। चैन्नई में भी सूर्य पर चंद्रमा की छाया पड़ने लगी है।

कहां-कहां दिखा सूर्य ग्रहण
यह सूर्य ग्रहण को देश के दक्षिणी भाग में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के हिस्सों देखा गया जबकि देश के अन्य हिस्सों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई दिया। इसके साथ ही ऊटी, मंगलुरू, कोझिकोड, कोयंबटूर, शिवगंगा, अहमदाबाद,चेन्नई, मैसूर, कन्याकुमारी, तिरुचुरापल्ली में देखा गया। इसके साथ ही साथ यह पूर्वी यूरोप, उत्तरी-पश्चिम ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी अफ्रीका में भी देखा गया।

मंदिरों के कपाट बंद
अयोध्या में सूर्य ग्रहण के सूतक लगते ही मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। राम जन्मभूमि रामलला के आज प्रथम पाली में श्रद्धालु दर्शन नहीं कर पाएंगे. ग्रहण के मोक्षकाल पर दूसरी पाली में दोपहर 1 बजे से दर्शन शुरू होंगे। वहीं, सूर्य ग्रहण के कारण मां वैष्णो देवी की दिव्य आरती भी प्रात: काल के बजाए सुबह 11:20 बजे होगी। पारंपरिक तौर पर मां वैष्णो देवी की दिव्य आरती प्रातकालीन सुबह 6:20 बजे रोजाना होती है पर सूर्य ग्रहण के चलते दिव्य आरती के समय में तब्दीली की गई है और यह दिव्य आरती सुबह 11:20 पर की जाएगी।

साल 2020 में कितने सूर्यग्रहण और कितने चंद्रग्रहण लगने वाले हैं?
पहला चंद्रग्रहण- 10 जनवरी को लगेगा, जो भारत में देखा जा सकेगा।

दूसरा चंद्रग्रहण- साल 2020 का दूसरा चंद्रग्रहण 5 जून को लगेगा, इस चंद्रग्रहण की दृश्यता भारत में रहेगी।

तीसरा चंद्रग्रहण- 5 जुलाई 2020 को पड़ेगा।

चौथा चंद्रग्रहण- 30 नवंबर को साल का आखिरी चंद्रग्रहण पड़ेगा, यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा।

पहला सूर्यग्रहण- 21 जून को लगने वाला है, भारत में दिखाई देगा।

दूसरा सूर्यग्रहण- 14 दिसंबर 2020 को लगने वाला है।