नई दिल्लीः सुप्रीमकोर्ट की एक पूर्व जूनियर असिस्टेंट ने भारत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। एक खबर के अनुसार रंजन गोगोई ने पिछले साल 2018 में 10 और 11 अक्टूबर को अपने निवास स्थान पर उस महिला का यौन शोषण करने का प्रयास किया।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो 35 वर्षीय महिला द्वारा दिए हलफनामे के अनुसार पहले तो रंजन गोगोई ने महिला को कमर से पकड़ा, फिर अपने हाथ से उनके पूरे शरीर को छुआ, इसके बाद अपने शरीर से महिला के शरीर पर दबाव बनाया। इस दौरान चीफ जस्टिस की हरकत से महिला स्तब्ध हो गई थी। पीड़ित महिला का कहना है कि रंजन गोगोई की पकड़ उसपर इतनी कसी हुई थी कि वो वहाँ से हिल भी नहीं पा रही थी।
इस हलफनामे में महिला ने अपने साथ हुई कुछ बातों का जिक्र किया है। जैसे कि इस घटना के दो महीने बाद महिला को बर्खास्त कर दिया गया, महिला के पति और पति के भाई को दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल की नौकरी से निलंबित किया गया और कुछ महीने बाद ही पति के दूसरे भाई को भी सुप्रीम कोर्ट की नौकरी से निलंबित कर दिया गया। महिला के अनुसार 10-11 अक्टूबर को हुई घटना के बाद महिला का कई तरीकों से शोषण किया जाता रहा। महिला ने यह भी बताया कि उसके ऊपर शोषण की घटना से पहले मार्च 2018 में रिश्वत लेने का एक केस रजिस्टर किया गया था जिसमें उसे पद से बर्खास्त करने के बाद गिरफ्तार किया गया।
चीफ़ जस्टिस गोगोई पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला फिलहाल जमानत पर बाहर है। महिला का दावा है कि रिश्वत का पूरा मामला मनगढ़ंत है। इस मामले पर तीन जजों की पीठ ने आज सुबह 10:30 बजे एक विशेष बैठक की। इस दौरान अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल और सॉलिसिटर जनरल तुषार के साथ सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सदस्य भी कोर्ट में मौजूद रहे। मुख्य न्यायधीश ने सुनवाई शुरु होने के साथ ही कुछ बातों पर विचार विमर्श करने को कहा।