नई दिल्लीः देश का सबसे बड़ा ऋणदाता बैंक भारतीय स्टेट बैंक परियोजनाओं को पूरा करने के लिए घर खरीदारों को गारंटी मुहैया कराएगा। इससे आवासीय घरों की मांग में इजाफा होगा। इस योजना का लक्ष्य अटकी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करना भी है। रेजीडेंशियल बिल्डर फाइनैंस विद बायर गारंटी (आरबीबीजी) नाम का यह कवर एसबीआई की ओर से ऋण मुहैया कराई गई आवासीय परियोजनाओं और एसबीआई से आवास ऋण लेने वालों के लिए होगा। परियोजना को कब्जा प्रमाणपत्र मिलने तक की अवधि के लिए गारंटी दी जाएगी। इस तरह की गारंटी पर लगने वाले शुल्क का बोझ डेवलपरों के कंधों पर होगा।
एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि आरबीबीजी शुरुआत में 10 भारतीय शहरों में 2.50 करोड़ रुपये तक की कीमत के सस्ते घर वाले आवासीय खंड पर ध्यान देगा। आगे चलकर इसका विस्तार देश के दूसरे हिस्से में भी करने पर विचार किया जा सकता है। इस योजना के तहत बैंक की ओर से निर्धारित मानदंड को पूरा करने वाले प्रतिष्ठित बिल्डर 50 करोड़ रुपये से लेकर 400 करोड़ रुपये तक का ऋण ले सकते हैं।
परियोजना को चुनने के मानदंडों में स्टार रेटिंग और सिबिल स्कोर शामिल है। एसबीआई ने इस कवर के लिए मुंबई महानगरीय क्षेत्र की तीन मौजूदा परियोजनाओं के लिए सनटेक रियल्टी के साथ समझौता पर हस्ताक्षर किया है। आरबीबीजी घर खरीदारों में उनकी मेहनत की कमाई की सुरक्षा को लेकर भरोसा निर्माण करेगा और इसी दौरान दबावग्रस्त रियल एस्टेट क्षेत्र को मजबूती भी प्रदान करेगा।
इस बीच बैंक ने दिसंबर 2019 में समाप्त 12 महीनों में आवास ऋण पोर्टफोलियो में 17 फीसदी की वृद्घि दर्ज की है। कुमार ने कहा कि बैंक ने आवास वित्त बाजार (बैंक और आवास वित्त कंपनियों द्वारा) में अपनी 22 फीसदी हिस्सेदारी को कायम रखा है। बैंक का बकाया आवास ऋण पोर्टफोलियो सितंबर 2019 के अंत तक सालाना आधार पर 18.03 फीसदी बढ़कर 4.24 लाख करोड़ रुपये हो गया। सितंबर 2019 में मुख्य तौर पर 18.90 फीसदी की खुदरा-व्यक्तिगत अग्रिमों के कारण घरेलू कर्ज में सालाना अधार पर 8.43 फीसदी का विस्तार हुआ है।