You are currently viewing हर शहर गले में तख्ती डाल उलटा चलकर घूम रहा है दंपति, जानें क्यों…
Putting a plaque in the throats is going on in the reverse, giving message of population control, the couple reached Ludhiana after 140 cities

हर शहर गले में तख्ती डाल उलटा चलकर घूम रहा है दंपति, जानें क्यों…

लुधियानाः मेरठ के रहने वाले दिनेश तलवार दंपति जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर जागरुकता फैलाने के लिए हर शहर में गले में तख्ती लटकार कर उलटा चल रहे हैं। इसी सिलसिले में वह शनिवार को लुधियाना में पहुंचे। यहां गेटवे ऑफ इंडिया से चर्चगेट तक उन्होंने उलटे पांव यात्रा की। वह समराला चौक, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और चौड़ा बाजार जैसे भीड़ भरे इलाकों में गए।

Putting a plaque in the throats is going on in the reverse, giving message of population control, the couple reached Ludhiana after 140 cities

दिनेश तलवार 2013 से अब तक 140 शहर की पद यात्रा कर चुके हैं और लुधियाना 141वां शहर है। वह 1994 से अब तक अनगिनत ज्ञापन और पोस्टकार्ड पीएम ऑफिस को भेज चुके हैं, लेकिन आज तक भी पीएम ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया। हम दो-हमारे दो, छोटा परिवार-सुखी परिवार जैसे नारे भी बंद हो गए। समस्या यह है कि भारत में जनसंख्या नियंत्रण एक राष्ट्रीय के बजाय एक धार्मिक मुद्दा बन गया है। कई धर्मगुरुओं को भी लिखा है कि वे इस कारण को बढ़ावा दें, लेकिन उनमें से कोई भी मदद करने को तैयार नहीं।
उन्होंने कहा कि देश में हर एक मिनट 42 बच्चे और एक दिन में 61 हजार बच्चे पैदा हो रहे हैं। इसी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए तलवार ने बताया कि उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में काम करने का मन बनाया और 1994 में जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रधानमंत्री, राजनीतिक पार्टियों, मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखने, सभा करने, जुलूस निकालने का अभियान शुरू किया। इसके बाद 1998 में दिशा तलवार से शादी हुई और वह भी इस अभियान में उनके साथ जुड़ गईं।

दिशा तलवार ने बताया कि वे दोनों फाइनेंस सेक्टर में हैं। उनकी बेटी सिमरन एयर होस्टेस है और बेटा यश अपनी स्कूल की पढ़ाई कर रहा है। वे दोनों भी इस मुहिम के साथ जुड़े हुए हैं। इन जिम्मेदारियों के बीच भी वह अपनी मुहिम के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं, क्योंकि ये समाज के प्रति उनका दायित्व है। जब उन्होंने पद यात्रा शुरू की तो पहले तो खुद सड़क पर चलना अजीब लगता था, लेकिन इस यात्रा का उद्देश्य बहुत बड़ा है। हम हर संभव तरीके से जनसंख्या नियंत्रण के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं। वह बस और ट्रेनों में भी स्पीच देते हैं। नुक्कड़ नाटकों का मंचन करते रहते हैं।