जालंधर (अमन बग्गा): पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर चुनाव के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रविवार की सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ जो शाम छह बजे तक चलेगी। राज्य के दो करोड़ से अधिक मतदाता कुल 278 प्रत्याशियों की राजनीतिक किस्मत का फैसला करेंगे। राज्य में मतदान शांतिपूर्ण, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष कराने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं। राज्य में 23123 मतदान केन्द्र स्थापित किए गए हैं। इस बार तीन लाख नए मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।
लाइव अपडेट्स
-जालंधर लोकसभा सीट पर रविवार सुबह 11 बजे तक 20 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया।
-कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने लुधियाना में वोट डाला।
– जालंधर: गांव धीमा में EVM खराब होने से लोग हुए परेशान।
-पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने वोट डाला।
-मोगा में सुबह 7 बजे सबसे पहले अकाली नेता जत्थेदार तोता सिंह ने वोट डाला
-पटियाला में निवर्तमान सांसद एवं पीडीए उम्मीदवार डाॅ. धर्मवीर गांधी परिवार संग किया मतदान
इन 13 सीटों पर मतजान जारी
राज्य की तेरह सीटों में संगरूर ,बठिंडा , खडूर साहिब , जालंधर ,फतेहगढ साहिब , आनंदगढ साहिब ,होशियारपुर , पटियाला , फरीदकोट ,लुधियाना सीट ,गुरदासपुर अमृतसर एवं फिरोजपुर शामिल हैं।
कहां कितने उम्मीदवार चुनाव मैदान में
गुरदासपुर में 15, अमृतसर में 30, खडूर साहिब में 19, जालंधर में 19, होशियारपुर 8, आनंदपुर साहिब 26, लुधियाना 22, उम्मीदवार मैदान में हैं। फतेहगढ़ साहिब सीट पर 20 उम्मीदवार, फरीदकोट और फिरोजपुर सीट पर 22-22 उम्मीदवार तो बठिंडा में 27, संगरूर में 25 और पटियाला में 25 उम्मीदवार हैं। इस प्रकार कुल 278 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होना है। इनमें 24 महिलाओं समेत अमृतसर से सबसे ज्यादा 30 तो हाेशियारपुर में सबसे कम 8 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
करीब दो माह तक चला प्रचार अभियान शुक्रवार की शाम को समाप्त हो गया था। इस बार चुनाव में पहली बार सबसे अधिक रोड शो देखने को मिले। सभी दलों ने मतदाताओं को लुभाने के लिये रोड शो ,जनसभायें ,रैलियां ,एक दूसरे पर कीचड़ उछालने से लेकर जमकर आरोप -प्रत्यारोप लगाकर भीड़ जुटाने की कोशिश की लेकिन लोगों में पहले की तरह इस बार उमंग उत्साह देखने को नहीं मिला।
राज्य में समूचा प्रचार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच सिमट कर रह गया। इसके अलावा बेअदबी ,1984 के दंगे ,वादों की गूंज भी सुनायी दी । कांग्रेस तथा अकाली दल सिखों की धार्मिक भावनाओं को भुनाने के प्रयास में लगी रहीं।