जालन्धर (PLN) होशियारपुर बार एसोसिएशन के सदस्य एडवोकेट प्रितपाल जीत सिंह द्वारा बेहद ही भद्दी व गिरी हुई हरकत करने का मामला सामने आया है।
हरकत इतनी गिरि हुई है कि किसी भी धर्म को मानने वाला आहत हो जाये। इस वकील की घिनोनी हरकत ने करोड़ो हिंदुओं की आस्था पर प्रहार कर उन की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
अब देखना ये होगा कि इस धर्म विरोधी वकील के खिलाफ कितने धर्म रक्षक आवाज उठाते है। कम से कम हिन्दू वकीलों को तो प्रितपालजीत सिंह की भद्दी व गन्दी सोच के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए आगे आना चाहिए। क्यों कि हिन्दू धर्म की रक्षा अगर हिन्दू ही नही करेंगे तो कौन करेगा।
इस लिए थोड़ी सी भी हिंदु वकीलों को धर्म की चिंता हो तो प्रितपाल जीत सिंह को आड़े हाथों लेते हुए कानूनी कार्रवाई करने के लिए आगे आना चाहिए।
जानिए क्या है पूरा मामला
धर्म रक्षक वकील का खोल उठा खून,उठाया ये बड़ा कदम
पंजाब युवा भाजपा के मीडिया इंचार्ज एडवोकेट अशोक सरीन हिक्की ने होशियारपुर बार एसोसिएशन के सदस्य प्रितपाल जीत सिंह के खिलाफ हिन्दू देवी देवताओ के खिलाफ अपने मोबाइल से डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के व्हाट्स एप्प ग्रुप मे आपत्तिजनक मेसेज पोस्ट करने के खिलाफ एसएसपी होशियारपुर को लिखित शिकायत दर्ज करवा मामला दर्ज करने की अपील की है।
आपत्तिजनक मेसेज
इस विषय मे जानकारी देते अशोक सरीन हिक्की ने बताया कि होशियारपुर के वकील प्रितपाल जीत सिंह ने गुरुवार सुबह 11 बजे डी.बी.ए के ग्रुप मे हिन्दू देवताओ के खिलाफ अपने मोबाइल नंबर 7986947368 से बहुत आपत्तिजनक कमेंट लिखा शेयर किया जिसके बाद आज एक न्यूज पोर्टल मे खबर लगी है।
सरीन ने बताया कि उन्होंने एसएसपी होशियारपुर को आपत्तिजनक स्क्रीन शॉट ,खबर का लिंक भेज इस तरह की गलत शब्दावली का उपयोग करने वाले वकील प्रितपाल जीत सिंह पुत्र परमजीत सिंह संघा निवासी 209 कोर्ट रोड होशियारपुर के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने व आई.टी एक्ट के अधीन तुरंत मामला दर्ज करने की गुहार लगाई है।
सरीन ने कहा मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह व पंजाब पुलिस से डीजीपी दिनकर गुप्ता को तुरंत साजिशन इस तरह की अभद्र टिपणी करने वाले के खिलाफ सख्त कानूनी कारवाई करने के निर्देश देने चाहिए ताकि पंजाब की अमन शांति भंग करने के मकसद से इस तरह के कार्य करने वाले समाज विरोधी सोच के खिलाफ नकेल कसी जा सके।
पंजाब के गवर्नर,मुख्यमंत्री व डीजीपी को ट्वीट कर कारवाई की मांग